कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है और इस साल यह तिथि 28 अक्टूबर गुरुवार को पड़ रही है। माना जा रहा है कि अहोई अष्टमी का व्रत रखने से संतान के सभी संकट दूर होते हैं और इसी कारण इस व्रत का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन माँ अपनी संतान के कल्याण और उसकी सुरक्षा के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि अहोई माता की पूजा करने से मां पार्वती अपने पुत्रों की तरह अपने भक्तों की संतान की भी रक्षा करती है। इस साल अहोई अष्टमी 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन महिलाओं की गोद खाली होती है उन्हें भी इस व्रत को करना चाहिए, ताकि उन्हें भी संतान की प्राप्ति हो सके। यह व्रत भी निर्जल रह कर पूरा किया जाता है।
अहोई अष्टमी के व्रत की पूजा ऐसे करें-
1.आज के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके अहोई माता का स्मरण कर व्रत का संकल्प लें और घर के सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेकर व्रत आरंभ करें।
2. अहोई माता का चित्र दीवार पर लगायें। फिर माता के चित्र के सामने एक चौकी रखकर उस पर जल से भरे दो कलश एक दूसरे पर रख दें।
3. माता को रोली व चावल अर्पित कर उनका सोलह श्रृंगार करें।
4. कलश पर स्वास्तिक भी बनाऐं।
5. अहोई माता की पूजा के लिए चांदी के दानों (जोड़े में) की माला को माता को पहनाया जाता है।
6. हर साल दो चाँदी के दानों को माला में पिरोया जाता है और माताएँ उस माला को पूजा और कथा के बाद पहनती हैं। इसके बाद किसी भी शुभ दिन पर इस माला की पूजा की जाती है और इसे वापस रख दिया जाता है। यह माला भी पूजा में शामिल है।
7. इसके बाद हाथ में गेंहू/चावल के सात दाने लेकर अहोई माता की कथा सुनें।
8. इसके बाद शाम को मीठे पुए या आटे का हलवे का प्रसाद चढ़ाएं।
9. इसके बाद तारों को अर्घ्य देकर व्रत संपन्न करें।
अहोई अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त
कार्तिक अष्टमी तिथि आरम्भ- 28 Oct 12:49 pm से
कार्तिक अष्टमी तिथि समाप्त- 2:09 pm 29 Oct तक
5:39 pm से – 6:56 pm तक ( स्याहना संध्या काल)
कुल 01 घंटा 17 मिनट का शुभ मुहूर्त का समय है।
क्या करें और क्या न करें-
1. व्रत की पूर्व संध्या पर सात्विक भोजन करने के बाद रात 12 बजे के बाद से कुछ भी नहीं खाएं।
2. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। शास्त्रों के अनुसार किसी भी व्रत के बाद दक्षिणा देने से उस व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
3. व्रत वाले दिन, दिन में नहीं सोएं।
4. इस दिन मिट्टी को बिल्कुल भी न छुएं और इस दिन कोई पौधा न उखाड़ें।
5. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय तांबे के पात्र का प्रयोग न करें। हमेशा चांदी, स्टील या पीतल के लोटे का प्रयोग करें। 6. इस दिन नया लोटा नहीं लिया जाता है। क्योंकि वेदों के अनुसार इस दिन करवा चौथ के पात्र/लोटे का प्रयोग करना चाहिए।
7. आज के दिन चाकू, कैंची जैसी नुकीली चीज से किसी चीज को न काटें और न ही सूई के धागे का कोई काम करें। 8. अहोई व्रत बच्चों के लिए किया जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी बच्चे को न तो सजा दें और न ही पीटें। अपशब्द भी नहीं बोलना चाहिए।
9. अहोई अष्टमी की पूजा करते समय अपने बच्चों को अपने पास बैठाएं, उनसे प्यार करें और उनके माथे पर कुमकुम लगाएं। फिर अहोई माता को भोजन कराकर अपने बच्चों को वह प्रसाद खिलाएं।
10. कहा जाता है इस दिन सोते समय किसी को भी परेशान नहीं करना चाहिए न ही किसी सोते हुए व्यक्ति को जगाएं।
11. आज के दिन कम और मीठा बोलना चाहिए।
12. शाम के समय पूजा करके तारों को देखते हुए जल चढ़ाएं। इसके बाद पानी पीकर उपवास समाप्त करें। किसी जगह चाँद को भी अर्घ्य दे कर व्रत पूर्ण किया जाता है।
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