सनातन धर्म में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्नान दान कर भगवान सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है। इस बार 2022 में मकर संक्रांति का त्योहार 14 और 15 जनवरी दोनों तिथियों में मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में गोचर करने से खरमास की समाप्ति होती है और सभी मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाती है।
भारत में मकर संक्रांति को अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग नाम से जाना जाता है। एक ओर जहां उत्तर भारत में इसे खिचड़ी या मकर संक्रांति के नाम से जानते हैं तो तमिलनाडु में इसे पोंगल और गुजरात में उत्तरायण कहा जाता है।
मकर संक्रांति की महत्वता-
1.मकर संक्रांति के त्योहार पर गंगा स्नान, दान-पुण्य, जप और पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
2. मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि को छोड़ते हुए अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर जाते हैं।
3. इस दिन से सूर्यदेव की यात्रा दक्षिणायन से उत्तरायण दिशा की ओर होने लगती है। दिन लंबे और राते छोटी होने आरंभ हो जाती है।
4. पौराणिक कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन प्राण निकलने से व्यक्ति का पुनर्जन्म होने के बजाए सीधे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि भीष्म पितामह ने 58 दिनों तक बाणों की शैया पर रहने के बाद प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण का इंतजार किया था।
कब मनाया जाएगा यह त्योहार, 14 जनवरी या 15 जनवरी 2022?
भारत देश के कई क्षेत्रों में अलग-अलग पंचांग गणना करने का विधान है। ऐसे में सूर्य के राशि परिवर्तन को लेकर भेद होने के कारण ही मकर संक्रांति को लेकर भी दो तिथियां है। कोलकाता से निकलने वाले राष्ट्रीय पंचांग के अनुसार सूर्य का मकर राशि में परिवर्तन 14 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 30 मिनट होगा। यहां सूर्य राशि परिवर्तन सूर्यास्त से पहले होने के कारण मकर संक्रांति 14 जनवरी शुक्रवार के दिन ही मनाई जाएगी। आज के दिन शुक्रवार होने की वजह से मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी।
वहीं दूसरी तरफ वाराणसी और उज्जैन से प्रकाशित होने वाले पंचांग के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन 14 जनवरी की रात करीब 8 बजे होगा। सूर्यास्त होने के बाद सूर्य का मकर राशि में परिवर्तन होने की वजह से मकर संक्रांति 15 जनवरी, शनिवार के दिन मनाई जाएगी। आज के दिन शनिवार होने की वजह से शनिदेव को मनाना और उनकी कृपा लेना आसान रहेगा।
दोनों ही दिन मकर संक्रांति मनाना शुभ है। इस बार का खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। सूर्य के मकर राशि में आने पर मकर संक्रांति के दिन 29 वर्ष बाद त्रिग्रही संयोग बनेगा। जिसमें सूर्य, बुध और शनि तीनों ग्रह मकर राशि में होंगे।
ज्योतिषानुसार अगर कुंडली में सूर्य शनि का दोष है तो मकर संक्रान्ति पर्व पर सूर्य उपासना से पिता पुत्र के खराब संबंध अच्छे होते है। सूर्य के अच्छे प्रभाव से यश, सरकारी पक्ष और पिता से लाभ व आत्मविश्वास बढ़ता है।
कैसे मनाएं मकर संक्रांति का त्योहार?
1. इस दिन तीर्थ धाम पर नदी या सरोवर में डुबकी लगाने का बड़ा महत्व बताया गया है। यदि किसी कारणवश आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो पानी में गंगाजल, तिल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर स्नान कर लें।
2.मकर संक्रांति के बाद स्नान दान का महत्व होता है। इस दिन काले तिल, गुड़, खिचड़ी, कम्बल आदि का दान विशेष फलदायी होता है।
3. मकर संक्रांति पर सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। यह व्रत भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। इस दिन भगवान को तांबे के पात्र में जल, गुड़, काले तिल और गुलाब की पत्तियां डालकर अर्घ्य दें।
4. सूर्य देव की पूजा के बाद शनि देव को काला तिल अर्पित करें। आज के दिन सूर्य और शनि देव की काले तिल से पूजा करने पर दोनों ही प्रसन्न होते हैं।
5. आज के दिन गुड़, तिल और मूंगदाल की खिचड़ी का सेवन करें और इन्हें गरीबों में बांटें।
6. इस दिन तिल का दान करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
7. इस दिन तांबे के लोटे से सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से पद और सम्मान में वृद्धि होती है तथा शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है।
8.आज के दिन गायत्री मंत्र का जाप करना भी बड़ा शुभ बताया गया है। आप भगवान सूर्य नारायण के मंत्रों का भी जाप कर सकते हैं। मन्त्र अंत में दिए गए हैं।
9. इस दिन कंबल का दान करना शुभ होता है। यह राहु और शनि का उपाय है। इस दिन जरूरतमंदों या गरीबों को नए वस्त्र दान करना चाहिए।
10. इस दिन किसी पुजारी को गुड़, आटा, घी, नमक, शक्कर आदि सामान दान करना शुभ होता है।
11. इस दिन घी का दान करने से करियर में सफलता मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह शुक्र का उपाय है।
12. इस दिन पांच तरह के अनाज (अपने वज़न के बराबर) दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
13. इस दिन खिचड़ी का दान करना शुभ होता है।
14. इस दिन गाय दान करने का भी महत्व है। इस दिन गाय को हरा चारा खिला शुभ होता है। यह बुध और शुक्र का उपाय है।
15. जो लोग 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाएंगे, उनको शनि देव की अवश्य पूजा करनी चाहिए क्योंकि इस दिन शनिवार भी है।
सूर्य देव के मंत्र –
1.ॐ सूर्याय नम:
2. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते
अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
4. ॐ घृणि सूर्याय नमः
ऊपर दिए गए मन्त्रों का जाप करते हुए पूजा कर सकते हैं। इन मंत्रों में से जो आप आसानी से उच्चारण कर सकें, उसका उपयोग करें।
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