अभी पिछले हफ्ते मैं धार्मिक तीर्थ यात्रा पर थी। इस आर्टिकल के माध्यम से मैं Naimisharanya तीर्थ से जुड़ी कुछ जानकारी शेयर कर रही हूँ।
नैमिषारण्य: हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। कहा जाता है कि यहीं पर महापुराण लिखे गए और यहीं पर पहली बार सत्यनारायण की कथा की गई थी। इस धाम का इतिहास रामायण से भी जुड़ा है। जो उत्तर प्रदेश में लखनऊ से लगभग 80 किमी दूर सीतापुर जिले में गोमती नदी के तट पर स्थित है। यदि आप कानपुर से नैमिषारण्यन यात्रा करने का प्लान कर रहे हैं तो आप ये कानपुर से लगभग 160 किमी दूर है। कानपुर से वाया संडीला के रास्ते नैमिषारण्य तीर्थ पर पहुंचा जा सकता है।
नैमिषारण्य तीर्थस्थल के बारे में कहा गया है कि महर्षि शौनक के मन में दीर्घकाल व्यापी ज्ञानसत्र करने की इच्छा थी। विष्णु भगवान ने उनकी आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें एक चक्र दिया था और उनसे यह भी कहा कि इस चक्र को चलाते हुए चले जाओ और जिस स्थान पर इस चक्र की नेमि (परिधि) नीचे गिर जाए तो समझ लेना कि वह स्थान पवित्र हो गया है। जब महर्षि शौनक वहां से चक्र को चलाते हुए निकल पड़े और उनके साथ 88000 सहस्र ऋषि भी साथ में चल दिए। जब वे सब उस चक्र के पीछे-पीछे चलने लगे तभी अचानक चलते-चलते गोमती नदी के किनारे एक वन में चक्र की नेमि गिर गई और वहीं पर वह चक्र भूमि में प्रवेश कर गया। जिससे चक्र की नेमि गिरने से वह क्षेत्र नैमिष कहा जाने लगा। इसी कारण इस स्थान को नैमिषारण्य भी कहा जाने लगा है।
यहां के कुछ प्रमुख स्थान निम्न हैं
यह इस स्थान का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इसके साथ ही गोवर्धन महादेव, क्षेमकाया देवी, जानकी कुंड, हनुमान एवं काशी के एक पक्के सरोवर पर मंदिर है। साथ ही अन्नपूर्णा, धर्मराज मंदिर तथा विश्वनाथजी के भी मंदिर स्थित है। जहां पिण्डदान किया जाता है।
व्यास गद्दी एक मंदिर के अन्दर शुकदेव की और बाहर व्यास की गद्दी है तथा उसी के पास में मनु और शतरूपा के चबूतरे भी बने हुए हैं एवं अक्षयवट नाम का एक वृक्ष हैं।
हनुमान गढ़ी टीले पर एक हनुमान जी का मंदिर है वहीं पास में श्रीकृष्ण और पाण्डावों की मूर्तियां भी बनी हुई हैं।
नैमिषारण्य में एक मंदिर में भगवान् विष्णु जी की बहुत बड़ी मूर्ति भी स्थापित की गयी है। इस मंदिर में प्रवेश करने पर एक सुखद शांति का अनुभव होता है।
इसके अलावा गोमती नदी के तट पर कॉरिडोर का भी निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। तो अगर आप भी नैमिषारण्य की यात्रा का प्लान कर रहे हैं तो उपरोक्त जगहों पर जा सकते हैं।