दुनिया में बहुत से लोग खर्राटों से परेशान हैं. खुद तो उन्हें खर्राटों की समस्या रहती ही है, लेकिन आसपास के लोग उनके खर्राटों से परेशान रहते हैं. आमतौर पर खर्राटों को गहरी नींद का प्रतीक माना जाता है. आपने कई दफा सुना होगा कि खर्राटे लेने वाला व्यक्ति अच्छी नींद सो रहा है. लेकिन, क्या आप जानते हैं, खर्राटों वाली नींद अच्छी नींद नहीं होती है, ये गंभीर समस्या के संकेत होते हैं.
सवाल ये है कि खर्राटे आते क्यों हैं? खर्राटे आने के कई कारण हो सकते हैं. खर्राटे जीभ, गले, मुंह और श्वास नली के कारण हो सकता है. सांस अंदर लेने और छोड़ने पर ये कंपन करते हैं, जिससे खर्राटे आते हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप सो रहे होते हैं तो शरीर के ये हिस्से शिथिल और संकुचित हो जाते हैं.
वेट मैनेजमेंट
अक्सर मोटापे का शिकार लोगों को खर्राटे लेने की आदत होती है. अगर आप भी मोटापे का शिकार हैं और खर्राटे लेने की समस्या से परेशान हैं, तो इससे निजात पाने के लिए अपना वेट मैनेज करें. वजन कम करने से खर्राटे कम हो सकते हैं, खासकर अगर एक्स्ट्रा वेट के कारण गले पर दबाव पड़ रहा हो. ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन’ के मुताबिक वजन घटाने से ओएसए की गंभीरता को कम किया जा सकता है.
शराब आदि से बचें
अगर आप खर्राटों से परेशान हैं और इससे राहत पाना चाहते हैं, तो शराब आदि से परहेज करें. दरअसल, शराब आदि का सेवन आपके गले की मांसपेशियों को आराम देता हैं, जिससे खर्राटे आने लगते हैं. इसलिए जितना हो सके इनसे परहेज करें. खासकर सोने से पहले इनसे परहेज काफी फायदेमंद हो सकता है. ‘चेस्ट’ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक शराब और अन्य नशीली दवाओं से खर्राटे आने की संभावना काफी बढ़ जाती है.
स्लीप पोजीशन का ध्यान रखें
आपके सोने की पोजीशन भी खर्राटों को कम करने में मदद कर सकती है. अगर आप या आपके आसपास कोई खर्राटों से परेशान है, तो पीठ के बजाय करवट लेकर सोना आपके लिए गुणकारी होगा. ‘चेस्ट’ जर्नल के एक अध्ययन में पता चला कि पोजिशनल थेरेपी खर्राटों और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) को रोकने में प्रभावी हो सकती है.
नियमित व्यायाम करें
सेहतमंद रहने के लिए नियमित व्यायाम करना काफी जरूरी है. खासकर खर्राटों की समस्या से राहत पाने में एक्सरसाइज आपकी काफी मदद कर सकती है. नियमित शारीरिक गतिविधि करने से गले की मांसपेशियों को टोन करने में मदद कर सकती है, जिससे खर्राटे कम हो सकते हैं. ‘अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन’ में प्रकाशित एक परीक्षण के मुताबिक नियमित शारीरिक गतिविधि ओएसए के लक्षणों को कम कर सकती है.