वीमेन इम्पॉवरमेंट स्टोरीज में आज आपका परिचय कराने जा रहे हैं केबिन क्रू मान्यता राजन श्रीवास्तव से जो इंडिगो एयरलाइन मुंबई में कार्य करती है। तो आइये जानते हैं उनके बारे में विस्तार से।
सलोनी : केबिन क्रू बनने के बारे में कैसे सोचा?
मान्यता: मेरा जन्म कानपुर में हुआ था और बचपन से ही मैं केबिन क्रू बनना चाहती थी। केबिन क्रू बनने का कारण ये था की मुझे लगता था की मैं अपनी देश की सेवा के लिए कुछ काम करूँ देश के लोगों के लिया कुछ काम करूँ। बचपन में मेरी जो समझ थी उससे मुझे ऐसा लगता था कि केबिन क्रू ये सब काम करती है जो मैं करना चाहती थी। केबिन क्रू किसी भी आपातकालीन परस्थिति में लोगों के लिए सहायता कर सकते हैं।
सलोनी : इंडिगो एयरलाइन्स में सलेक्शन के बारे में कुछ बताएं ?
मान्यता: मुझे पहली बार में तो जरा भी उम्मीद नहीं थी की मेरा सलेक्शन हो पायेगा। मैंने बहुत लोगों को देखा था जिन्होंने कई बार इंटरव्यू दिए थे और उनका सलेक्शन उसके बाद हो पाया था पर मैंने जब पहली बार इंटरव्यू दिया और मेरा सलेक्शन पहली बार में ही हो गया। वो मेरे लिए बहुत ही अनएक्सपेक्टेड था। पहला राउंड इंटरव्यू क्लियर होने के बाद, दूसरा, तीसरा, राउंड करते करते फाइनली मेरा सिलेक्शन हो गया।
सलोनी : करियर के सफर में फैमिली का क्या सपोर्ट रहा ?
मान्यता: फैमिली का सपोर्ट हमेशा से रहा है। जिस दिन मैं इंटरव्यू को गयी तो वो लगभग 6 घंटे का था उस दौरान मेरी माँ मेरे साथ रहीं और जब मैं ट्रेनिंग में गयी तो पहली बार घर से बाहर निकली थी उस दौरान भी उन्होंने मुझे सपोर्ट किया। आज भी जब मैं फ्लाई करती हूँ तो हमारी फ्लाइट अलग अलग टाइम पर होती हैं तो वो भी हर टाइम पर नींद से जग कर भी मुझे जाते हुए देखती हैं। मेरे फादर फिल्म इंडस्ट्री से हैं और उन्होंने भी मुझे इस करियर में सपोर्ट किया। लोगों का कहना था की मैं भी अपने फादर की तरह फिल्म इंडस्ट्री में अपना करियर बनाऊं पर मेरे फादर ने हमेशा से मेरे पसंद के करियर को चुनने में सपोर्ट किया।
सलोनी : केबिन क्रू के करियर में कैसा फील होता है ?
मान्यता : केबिन क्रू बनने के बाद मुझे बहुत ख़ुशी हुई पर मेरी फैमली को थोड़ा सा डर जरूर लगता है क्यों की केबिन क्रू की जॉब में थोड़ा सा रिस्क होता है हर एक फ्लाई की दौरान उनको मेरी चिंता जरूर रहती है।
सलोनी : इस करियर के सफर में कोई यादगार घटना ?
मान्यता: एक बार हम अहमदाबाद से भुवनेश्वर की फ्लाइट पर थे उसी दौरान किसी कारणवश हम भुवनेश्वर में लैंड नहीं कर पाए और किसी अन्य जगह पर हमारी फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। उस दिन मैंने जिस तरह से लोगों को परेशान देखा और और मैं खुद भी थोड़ा चिंतित थी पर उसी समय मैंने अपनी परेशानी को अलग छोड़ कर फ्लाइट के मेंबर्स को समझाना शुरू किया की वो परेशान न हों हम लोग सफल लैडिंग करेंगे। हम लोगों को समझा कर उनका हौसला बढ़ा रहे थे और उस दिन मुझे ये अहसास हुआ की केबिन क्रू की जिम्मेदारी बहुत अहम् होती है उस सफल लैंडिंग के बाद लोगों ने जब हमारी तारीफ की तब वो पल ऐसा था की जो हमेशा याद रहेगा की हमने अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभाया।
सलोनी : लोगों को क्या सन्देश देना चाहेंगी ?
मान्यता : सभी लड़कियों को ये कहना चाहूंगी की आप को सेल्फ डिपेंडेंट बनना चाहिए आप दुनिया को अपने तरीके से देख सकते हैं। करियर में आप कुछ ऐसा अचीव करें जो आपने कभी सोचा हो। जीवन में उतार चढ़ाव के दौरान आपका सेल्फ डिपेंडेंट होना भी आपको मजबूत बनाता है। आपको उसी करियर में आगे बढ़ना चाहिए जो आपको पसंद हो।
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