ललित कला अकादमी के द्वारा गीत ग़ज़लों की महकती शाम का हुआ आयोजन

आज ललित कला अकादमी के द्वारा गीत ग़ज़लों की महकती शाम का आयोजन अकादमी के प्रांगण में संपन्न हुआ | आज के मुख्य कलाकार कानपुर शहर के जाने माने ग़ज़ल और भजन गायक प्रदीप श्रीवास्तव थे | कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि श्री सुनील गुप्ता , निदेशक, ललित कला अकादमी के द्वारा संपन्न हुआ |
सुरों की इस महकती शाम की शुरुआत गोस्वामी तुलसी दास रचित अमर कृति
गाइए गणपति जग वंदन,
शंकर सुवन भवानी के नंदन
से की और इसी धुन में ही श्री सुशील कुमार द्वारा रचित भजन
“बोल री मेरी मैना रानी, बोल रे तोता राम !
राधे श्याम राधे श्याम सीता राम सीता राम !!
गा कर माहौल राम मय कर दिया | ग़ज़लों के दौर का आरम्भ प्रदीप श्रीवास्तव ने अनवर मिर्जापुरी की मशहूर ग़ज़ल ये तो ज़र्फ़ ज़र्फ़ की बात है, कि ज़रा सी पी और उबल गए !वो तो हम है साहिबे मयकदा, की नशे में और सम्हल गए !!को  पेश किया | रूपक ताल में गई हुई इस ग़ज़ल ने एक गंभीर माहौल को बनाया और तुरंत इसके बाद हज़रत अमीर खुसरो द्वारा रचित जाना पहचाना सूफ़ी कलाम

छाप तिलक सब छिन्ही मोसे नैना मिला के गाकर सूफ़ी रंग में सभी श्रोताओं को डुबो दिया |इसी क्रम में सुश्री कमल मुसद्दी की फरमाइश पर गज़ल “प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है प्रस्तुत किया ।जाने पहचाने शायर और गीतकार राजीव राज के द्वारा दहेज़ प्रथा के विरोध में लिखा गया एक मार्मिक गीत कौन कौन दिनवा दिखायो मोरी माई, हमला बियाहो या बहायो मोरी माई” गा कर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर किया कि दहेज़ प्रथा कितनी खराब है !
कई जानी पहचानी ग़ज़ल के बाद प्रदीप श्रीवास्तव ने श्रोताओं की फरमाइश पर ” नैना रे नैना तुम्ही बुरे तुमसे बुरा ना कोई प्रस्तुत किया और अंत में।श्री राजेंद्र राव की फरमाइश।पर गालिब।का कलाम ” आह को चाहिए एक उम्र असर होने तक से समापन किया !
श्री सुनील गुप्ता निदेशक ललित कला अकादमी, कानपुर ने सम्मान पत्र देकर और श्री इंद्र मोहन रोहतगी ने फूलों के गुलदस्ता से सम्मानित किया ।
मंच का सफ़ल संचालन कविता सिंह ने किया और सारी व्यवस्था को श्री विनोद श्रीवास्तव ने सम्हाला । तबले पर मीठी संगत अवनीश सिंह ने की ।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *