नवरात्रि का प्रथम दिन माता शैलपुत्री को होता है समर्पित

सलोनी तिवारी : नवरात्रि का प्रथम दिन माता शैलपुत्री को समर्पित है, जिन्हें पहले नवदुर्गा माता के रूप में पूजा जाता है। यह नवरात्रि का पहला दिन होता है। शैलपुत्री का अर्थ है ‘हिमालय की पुत्री’। इस दिन भक्त सौंदर्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। स्त्रियाँ माता का पूजन सौभाग्य प्राप्ति के लिए करती हैं। मां शैलपुत्री के प्रति भक्ति और समर्पण का अर्थ है ईश्वर की शक्ति और कृपा के लिए प्रार्थना करना।

पुराणों के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या का प्रमुख अंश बनने का इच्छुकता प्रकट की। उन्होंने बहुत लम्बी तपस्या की, जिससे वे प्रथम नवरात्री के दिन प्राप्त हुईं। इस अवतार में उन्होंने शैलपुत्री के रूप में पार्वती माता के नाम से पूजा जाता है। वे पर्वतों  की सुंदर बेटी के रूप में जानी जाती हैं, जो वैष्णवों के प्रिय देवी माता की अवतारित स्वरूप हैं।इस दिन के पूजन में लाल रंग का उपयोग किया जाता है, जो प्रेम, साहस, और शक्ति का प्रतीक है। शैलपुत्री माँ से  कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *