नवरात्रि का छठवां दिन “माँ कात्यायनी” को होता है समर्पित !

सलोनी तिवारी : मां दुर्गा का छठा रुप देवी कात्यायनी का है | नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक प्रसिद्ध महर्षि थे, जिनका नाम कात्यायन था. उन्होंने भगवती जगदम्बा को पुत्री के रूप में पाने के लिए उनकी कठिन तपस्या की थी. कई हजार वर्ष कठिन तपस्या के बाद महर्षि कात्यायन के यहां देवी जगदम्बा ने पुत्री रूप में जन्म लिया और कात्यायनी कहलायीं। माँ कात्यायनी की भक्ती से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है। माँ कात्यायनी अमोघ फलदायिनी हैं। माँ कात्यायनी हर दुःख को दूर करती हैं। भक्तों के रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। जन्मों के समस्त पाप भी नष्ट हो जाते हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *