सलोनी तिवारी : धार्मिक यात्रा के इस एपिसोड में आज वृन्दावन के निधिवन के दर्शन कराते हैं। निधिवन की मान्यता है कि यहां आज भी हर रात कृष्ण-गोपियों संग रास रचाते हैं। यही कारण है की सुबह खुलने वाले निधिवन को संध्या आरती के बाद बंद कर दिया जाता है। इसके बाद निधिवन में कोई नहीं रहता है। निधिवन में तुलसी के पेड़ हैं। यहां तुलसी का हर पौधा जोड़े में है। ‘रंग महल’ के पट सुबह पांच बजे खुलते हैं। उस समय बिस्तर अस्त-व्यस्त, लोटे का पानी खाली, दातुन कुची हुई और पान खाया हुआ मिलता है। रंगमहल में भक्त केवल श्रृंगार का सामान ही चढ़ाते है और प्रसाद स्वरुप उन्हें भी श्रृंगार का सामान मिलता है। मान्यता है कि जब श्रीकृष्ण और राधा रासलीला करते हैं तो ये तुलसी के पौधे गोपियां बन जाती हैं और सुबह होने पर तुलसी के पौधे में परिवर्तित हो जाते हैं। यहां लगे वृक्षों की शाखाएं ऊपर की ओर नहीं बल्कि नीचे की ओर बढ़ती हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें यह विडियो ।