नई दिल्ली– नीति आयोग की चल रही बैठक के बीच से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनार्जी बाहर निकल आयीं। ममता के आरोपों से देश में राजनीति मे भूचाल सा आ गया है। वहीं ममता बनर्जी के आरोपों पर अब नीति आयोग के सीईओ ने मीटिंग का पूरा घटनाक्रम विस्तार से बताया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब से केंद्र सरकार पर नीति आयोग की बैठक में उनको न बोलने देने का आरोप लगाया है, तभी से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में आपसे जुबानी जंग शुरू हो गयी है। वहीं इन सबके बीच अब नीति आयोग ने खुद मोर्चा संभालते हुए पूरे मीटिंग का घटनाक्रम साझा किया है।
बैठक में नहीं शामिल नहीं हुए ये राज्य –नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने बैठक की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस बैठक में 10 राज्य नहीं शामिल हुए थे, जबकि 26 राज्यों ने इसमें हिस्सा लिया था। जो राज्य नहीं शामिल हुए थे उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुद्दुचेरी हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बैठक में शामिल हुईं।
ममता बनर्जी ने पहले बोलने का किया था अनुरोध– नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया था कि उन्हें लंच से पहले बोलने का मौका दिया जाए। बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि मैं सिर्फ तथ्य बता रहा हूं।क्योंकि आमतौर पर अल्फाबेट के आधार पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिया जाता है।
नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि उनकी बातों को सम्मानपूर्वक सुना गया। जिसके तहत गुजरात से पहले रक्षा मंत्री ने उनको बोलने का मौका दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी बातें रखीं। बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि सभी मुख्यमंत्रियों को सात मिनट बोलने का मौका दिया गया था और स्क्रीन के सबसे उपर समय प्रदर्शित किया जा रहा था कि उनका संबोधन का कितना समय बचा है। इस दौरान जब उनका समय खत्म हो गया तो उन्होंने कहा कि मैं बोलने के लिए और समय चाहती हूं। उनके संबोधन को हम सबने सम्मानपूर्वक सुना और अहम बिंदुओं को नोट भी किया। नीति आयोग के सीईओ ने आगे कहा कि जब उनका समय खत्म हो गया, तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने माइक थपथपाया। इसके तुरंत बाद उन्होंने बोलना बंद कर दिया और गिसे से आग बबूला होकर बाहर चली गईं। हालांकि इसके बाद भी पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी बैठक में शामिल रहे।
बैठक में पीएम मोदी ने दिए ये निर्देश- नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आज नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान पीएम ने कहा कि विकसित भारत का विजन विकसित राज्यों के जरिए साकार किया जा सकता है। सभी राज्य और जिलों को विकसित भारत@2047 को साकार करने के लिए 2047 के लिए एक विजन बनाना चाहिए। पीएम मोदी ने निवेश आकर्षित करने के लिए नीति आयोग को ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ तैयार करने का निर्देश भी दिया। इस दौरान पीएम ने जल संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए राज्य स्तर पर नदी ग्रिड बनाने को प्रोत्साहित किया।