पेरिस में ओलम्पिक का आगाज़, चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा, परिंदा भी नहीं मार सकता पर

नई दिल्ली:-पेरिस ओलंपिक का शोभारम्भ हो चुकी है। दुनियाभर के 15,000 खिलाड़ी पेरिस पहुंचे हैं। हालांकि, खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हैं।
बीती 18 जुलाई से ही पेरिस में आंतरिक सुरक्षा और आतंक रोधी घेरा की व्यवस्था मजबूती से लागू कर दी गई थी।
पेरिस शहर की सड़कों पर हजारों बैरिकेटिंग लगाए गए हैं।
खेलों के इस महाकुंभ यानी ओलंपिक का आगाज अनोखे अंदाज मे हो चुका है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 33वें ओलंपिक खेलों की शुरुआत की गयी। शुक्रवार की रात पेरिस से होकर बहने वाली सीन नदी के किनारे पेरिस ओलंपिक का शानदार आगाज हुआ। हालांकि, इस आयोजन से कुछ घंटे पहले फ्रांस के रेल नेटवर्क पर एक हमला हो गया। फ्रांस की राष्ट्रीय रेल कंपनी एसएनसीएफ ने बताया कि उनकी हाई-स्पीड रेल लाइनों पर आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इसके चलते दर्शकों को खेल आयोजन वाली जगहों तक पहुंचने में मुशीबत का सामना करना पड़ा। उद्घाटन से पहले हिंसा के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले सुरक्षा जांच के दौरान 3,900 से ज्यादा लोगों को ओलंपिक आयोजनों में भाग लेने से रोका गया था।

क्या हैं पेरिस ओलंपिक सुरक्षा के कितने पुख्ता इंतजाम– फ्रांस ने पिछले कुछ आयोजनों से हटकर इस ओलंपिक का आयोजन किया है। 2016 में रियो डी जेनेरियो या 2012 में लंदन ओलंपिक के दौरान शहर के केंद्र के बाहर एक साथ ओलंपिक पार्क बनााकर कई आयोजनों किए गए थे। इसके बजाय, पेरिस ने 20 लाख आबादी वाले शहर में ही अधिकांश आयोजन हो रहे हैं। वहीं अन्य आयोजन उपनगरों में भी किये जा रहे हैं। सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी खेल के मैदान भी बनाए गए हैं। और सीन नदी के तट पर उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस तरह के आयोजन ओलंपिक की सुरक्षा को और अधिक कठिन बनाते हैं।

ओलंपिक खेलों में सुरक्षा को लेकर कई चुनौतियां- पेरिस शहर में बार-बार घातक हमले हुए हैं। यूक्रेन और गाजा में युद्ध के कारण होने वाले प्रदर्शन भी चिंता के विषय बने हुए हैं। इसके अलावा, ओलंपिक आयोजकों को साइबर हमले की चिंता है।

अकेले व्यक्तियों द्वारा किए जाने वाले हमले बने चिंता का विषय– हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमले से फ्रांसीसी अधिकारियों को इस खतरे का एहसास है। ओलंपिक सुरक्षा अभियान में शामिल कुछ लोग इस बात से हैरान थे कि एआर स्टाइल की राइफल से लैस बंदूकधारी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति की पहुंच में आ गया था।

सुरक्षा के मद्देनजर क्या की गयी कार्यवाही –आंतरिक मंत्री गेराल्ड डार्मैनिन के मुताबिक सुरक्षा जांच के दौरान 3,900 से ज्यादा लोगों को ओलंपिक आयोजनों में भाग लेने से रोका गया है। कुछ लोगों को संदिग्ध आपराधिक रिकॉर्ड और अन्य सुरक्षा चिंताओं के लिए चिह्नित किया गया है। सुरक्षा में तैनात टीमें विशेष रूप से रूसी और बेलारूसी नागरिकों के प्रति चौकस हैं। 155 ऐसे लोग जिन्हें ‘बहुत खतरनाक’ आतंकी खतरा माना जा रहा है, उन्हें भी उद्घाटन समारोह और खेलों से दूर रखा गया। पुलिस हथियारों और कंप्यूटरों के लिए भी कुछ संदिग्धों के घरों की तलाशी ली गई। संक्षेप में कहें तो पेरिस के लिए 10,500 खिलाड़ियों और लाखों पर्यटकों को सुरक्षित रखना अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है।

पेरिस ओलंपिक में सुरक्षा के क्या पुख्ता इंतजाम-
जमीन से लेकर समुद्र और हवा में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सुरक्षा बलों को तैयार किया गया है। 2022 से फ्रांसीसी सशस्त्र बल 2024 ओलंपिक खेलों की सुरक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे। खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को देखते हुए फ्रांस की राजधानी में उच्च स्तर के इंतजाम किए गए हैं। 40 देशों से करीब 1900 पुलिस बल बुलाए गए हैं।

18 जुलाई को सुबह पांच बजे से ही पेरिस में आंतरिक सुरक्षा और आतंक रोधी घेरा की व्यवस्था लागू कर दी गई थी। पेरिस की सड़कों पर 40,000 से अधिक अवरोधक (बैरियर) लगाए गए हैं। बगैर क्यूआर कोड के सीन नदी तक प्रवेश वर्जित है। इसके लिए विशेष तौर पर सैकड़ों पुलिस और जेंडरमेरी नाम के गश्ती दल तैनात किए गए हैं।

45 हजार पुलिस और सुरक्षाकर्मियों किये गए तैनात– पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की टुकड़े तैनात की गयी है इस टुकड़ी की सहायता के लिए 10,000 अतरिक्त सैनिकों की भी तैनाती की गई है। इन सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पेरिस में सबसे बड़ा सैन्य शिविर स्थापित किया है, जहां से सैनिक शहर के किसी भी ओलंपिक स्थल पर 30 मिनट के भीतर पहुंच सकते हैं।

देश के सशस्त्र बल आंतरिक सुरक्षा बलों की कर रहे सहायता- ऑपरेशन सेंटिनेल नाम की टुकड़ी को वैरेस-सुर-मार्ने में तैनात किया गया है, जहां रोइंग, कैनोइंग कयाकिंग जैसे वाटर गेम आयोजित किए जा रहे हैं।

हवा में राफेल की तगड़ी चौकसी– पेरिस और आसपास के शहरों में जमीन के बाद हवा में भी खास सुरक्षा है। राफेल लड़ाकू विमान, हवाई क्षेत्र की निगरानी करने वाली AWACS निगरानी उड़ानें, रीपर निगरानी ड्रोन और शार्पशूटर ले जाने वाले हेलीकॉप्टर पेरिस के आसमान पर नजर रख रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर से लैस कैमरे तैनात किए गए हैं जो किसी भी सुरक्षा जोखिम का पता लगा सकते हैं। छोटे ड्रोन के खतरे का मुकाबला करने के लिए हवा में ही विशेष निगरानी की जा रही है।

पेरिस और दूसरे ओलंपिक स्थलों के आसपास के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए फ्रांसीसी वायु और अंतरिक्ष बल पेरिस की तैनाती है। इन्हें संवेदनशील आयोजनों की सुरक्षा के लिए ‘प्रोटेक्टिव बबल’ बनाने में महारत हासिल है।

नौसेना की खास सुरक्षा परत:-  फ्रांसीसी नौसेना की अपनी सुरक्षा भी खास है। फ्रांसीसी नौसेना के जहाज और विमानों की उच्च समुद्री क्षमताएं सुरक्षा की पहली परत हैं। तटीय किनारों पर, समुद्री जेंडरमेरी और नौसेना के कमांडो अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ सटीक सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। नौसेना ने पानी की सुरक्षा के लिए जरूरी विशेष संसाधनों को तैनात किया है। इस काम की जिम्मेदारी प्रदूषण-रोधी इकाई और माइन-क्लियरिंग गोताखोरों पर है।

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