नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को कृषि अर्थशास्त्रियों के 32वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (आईसीएई) का उद्घाटन करेंगे। भारत में इस सम्मेलन का आयोजन 65 वर्ष बाद हो रहा है। इस डिजिटल कृषि और सतत कृषि-खाद्य प्रणालियों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस कार्यकरण का मुख्य उद्देश्य अनुसंधान संस्थानों और विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी को मजबूत बनाना है, राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर नीति निर्माण को प्रभावित करना और डिजिटल कृषि और टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों में प्रगति के साथ भारत की कृषि प्रगति को प्रदर्शित भी करना है।
6 दिवसीय त्रिवार्षिक सम्मलेन कई विषयों पर होंगी चर्चा– कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन की ओर से हो रहे 6 दिवसीय त्रिवार्षिक सम्मेलन का विषय टिकाऊ कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए परिवर्तन है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी किये गए बयान के अ अनुसार , इस कृषि सम्मेलन में लगभग 75 देशों के एक हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन वैश्विक कृषि की चुनौतियों के लिए भारत के सक्रिय दृष्टिकोण को चिन्हित करेगा।
सम्मलेन का उद्देश्य कृषि चुनौतियों से निपटना- इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण, बढ़ती उत्पादन लागत और संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए टिकाऊ कृषि की तत्काल आवश्यकता से निपटना है। आईसीएई-2024 युवा वैश्विक साथियों के नेटवर्क बनाने का करेगा काम- शोधकर्ताओं और अग्रणी पेशेवरों के लिए अपने काम को प्रस्तुत करने और वैश्विक साथियों के साथ नेटवर्क बनाने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा।