भारत मे ज़ीका वायरस की दस्तक, 2 की मौत, 50 से ज्यादा संक्रमित

दिल्ली। मानसून के दिनों मच्छर जनित कई प्रकार की बीमारियां में स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया के साथ देश के कई राज्यों में जीका वायरस के भी मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुणे में जीका वायरस से संक्रमित दो लोगों की मौत भी हो गई है। दोनों मरने वालों की उम्र 68 साल और 78 साल के थे और इनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।

महाराष्ट्र पुणे के मेडिकल कॉर्पोरेशन ने अपनी रिपोर्ट में दर्शाया कि गुरुवार को सैंपल टेस्ट में इन्हें संक्रमित पाया गया था जिसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। जीका के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

पुणे मेडिकल कॉर्पोरेशन के अनुसार, जीका वायरस के अभी तक पांच नए मामले सामने आए थे जिनमें दो मृतकों के अलावा और दो गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ ही पुणे में जीका वायरस के कुल मामलों की संख्या अब 52 हो गई है। संक्रमितों में 27 वर्षीय एक गर्भवती महिला भी जो 21 सप्ताह की गर्भवती है। 30 जुलाई को उसका परीक्षण पॉजिटिव आया था।

जीका वायरस का खतरा-
डॉक्टरों का कहना है जीका कि वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली संक्रामक बीमारी है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनमें इसका खतरा अधिक हो सकता है। कमजोर इम्युनिटी वाले लोग संक्रमण का ठीक तरीके से मुकाबला नहीं कर पाते हैं। चूंकि उम्र बढ़ने के साथ प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो जाता है इसलिए उम्रदराज लोगों में इस संक्रामक रोग का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इसके अलावा गर्भवती और बच्चों में इस संक्रमण के कारण गंभीर रोग विकसित होने का खतरा हो सकता है।

जीका संक्रमण का जोखिम- डॉक्टर कहते हैं, यह एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। यौन संपर्क के जरिए इसके प्रसार का खतरा अधिक रहता है।

गर्भवती और बच्चों में संक्रमण की स्थिति होती है गंभीर- यह बीमारी गंभीर रोगों का कारण बन सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के विशेषज्ञों ने बताया, जीका वायरस गर्भवती महिला से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे में भी फैल सकता है। गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से कई प्रकार के जन्मजात दोष हो सकते हैं।

जीका वाइरस के लक्षण-
जीका के कारण होने वाली जटिलताओं को कम करने के लिए समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है। वैसे तो जीका से संक्रमित कई लोगों में शुरुआत में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिससे संक्रमण की पहचान करना भी कठिन हो जाता है। हालांकि संक्रमण के सबसे आम लक्षण बुखार, त्वचा पर दाने, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द और आंखें लाल होना है। इन संकेतों पर ध्यान देते रहना बहुत आवश्यक है।
गर्भावस्था मे वायरस का झटरा गंभीर-
गर्भावस्था के दौरान जीका वायरस संक्रमण बच्चों में मस्तिष्क या आंख से संबंधित जन्मजात दोष पैदा कर सकता है। इसमें बच्चों के सिर का आकार छोटा होना (माइक्रोसेफली) सबसे आम है। इसके अलावा बच्चों के मस्तिष्क के विकास की समस्याएं, खाने की समस्याएं जैसे निगलने में कठिनाई, सुनने-देखने की समस्या होना, जोड़ों की गति में कमी और मांसपेशियों में अकड़न जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

कैसे करें ज़ीका वैटस से बचाव-स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, जीका और मच्छर जनित अन्य रोगों से बचाव के लिए जरूरी है कि आप मच्छरों के काटने से खुद को बचाकर रखें सुरक्षित संभोग के माध्यम से जीका वायरस संक्रमण से बचे रह सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों की तुलना में वीर्य में वायरस अधिक समय तक रह सकता है, ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित संभोग का ध्यान रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। इसके अलावा मच्छरों के काटने से बचने के उपाय करना, सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना भी आपको इस रोग से सुरक्षित रखने में सहायक है।

अस्वीकरण: आंशिक मीडिया इस लेख को डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किया हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को आंशिक मीडिया के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। आंशिक मीडिया में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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