ॐ में समाहित है पूरा ब्राम्हाण्ड, हर मन्त्र में होता है ॐ का जाप

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मंत्रों का जाप करना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है। लगभग सभी मन्त्रों में ॐ का जिक्र होता है। यही वजह है कि हर शुभ कार्य को मंत्रों से जोड़कर देखा जाता है। ॐ एक ऐसा अक्षर है जिसके ध्वनि को सनातन धर्म में बहुत पवित्र माना गया है। इस ॐ का जाप करने से आस पास सकारात्मकता बनी रहती है। ॐ हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शक्तिशाली शब्द माना जाता है। इसका उच्चारण करने से मन शांत होता है और आत्मा को शक्ति मिलती है। वैसे तो ॐ सिर्फ एक अक्षर है मगर जानकारों के मुताबिक ॐ अपने आप में किसी मंत्र से कम नहीं है। मान्यताओं के अनुसार ॐ अपने आप में पूरे ब्रह्मांड को समाहित किया हुआ है। ॐ का जाप करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। आज हम इस लेख में ॐ के जाप के फायदे और जाप करने के सही तरीके के बारे में जानते हैं।

ॐ का महत्व– ॐ शब्द ब्रह्मांड के सृजन, पालन और संहार को प्रदर्शित करता है। ॐ को सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नियमित रूप से ॐ का जाप करने से मन शांत होता है और मन को तनाव मुक्त होता है। ॐ का जाप आत्मज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है, इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।

क्या है ॐ का उच्चारण करने का सही तरीका– ॐ का जाप बहुत ध्यान से और शांत वातावरण में करना चाहिए। ध्यान मुद्रा में बैठकर ॐ का जाप करें। गहरी सांस लें और ॐ का उच्चारण करते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें। ॐ को तीन भागों में बांटकर उच्चारण करें – अ, ऊ, म। आप अपनी सुविधा के अनुसार ॐ का जाप कर सकते हैं। अपनी क्षमता अनुसार, 21 से लेकर 108 बार तक ॐ का उच्चारण कर सकते हैं।

ॐ जाप के फायदे– ॐ का जाप तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। ॐ का जाप मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है। ॐ का जाप आत्मविश्वास बढ़ाता है, साथ ही आध्यात्मिक विकास में मदद करता है।

ॐ का जाप करते समय मन को शुद्ध रखना चाहिए। ॐ के जाप पर विश्वास रखना चाहिए। ॐ का जाप नियमित रूप से करना चाहिए। ॐ का जाप करने से पहले किसी योग गुरु या धार्मिक गुरु का मार्गदर्शन लेना चाहिए।

अस्वीकरण: ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।

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