सलोनी तिवारी : आगरा :आज धार्मिक यात्रा के सावन स्पेशल एपिसोड में आपको उत्तरप्रदेश के आगरा जनपद में मनकामेश्वर मंदिर के दर्शन कराते हैं और यहाँ के इतिहास के बारे में बताते हैं। यहाँ के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्वयं भगवान् शिव ने शिवलिंग की स्थापना की थी और उनकी यहाँ मनोकामना पूरी हुई थी तभी से इस मंदिर का नाम मनकामेश्वर मंदिर पड़ा। मंदिर के मठ प्रशासक श्री हरिहर पुरी जी ने बताया कि प्राचीन काल से ऐसी कथा प्रचलित है कि श्री कृष्ण के जन्म के समय कैलाश से भगवान् शिव – भगवान् कृष्ण के दर्शन करने आये और एक रात यहाँ पर रुके। भगवान् शिव की ये मनोकामना थी की वो श्री कृष्ण के दर्शन करके उन्हें अपनी गोद में ले लें। जब भगवान् शिव गोकुल पहुंचे तो माता यशोदा ने उनके भेष को देखकर श्री कृष्ण को उनके पास जाने नहीं दिया। लेकिन भगवान् शिव वहां एक पेड़ के नीचे बैठ गए। तब श्री कृष्ण ने उनसे मिलने के लिए रोना शुरू कर दिया और उनके पास जाने का इशारा करने लगे। माता यशोदा तब उन्हें लेकर भगवान शिव के पास गयीं जहाँ पर भगवान् शिव ने श्री कृष्ण को गोद में खिलाना शुरू कर दिया और तब भगवान् शिव की मनोकामना पूरी हुई। उसके बाद आगरा में भगवान् शिव ने शिवलिंग की स्थापना की और कहा कि जिस तरह से यहां मेरे मन की कामना पूरी हुई, उसी तरह से सच्चे मन से यहां आने वाले मेरे हर भक्त की मनोकामना पूरी होगी।यहां देसी घी से प्रज्ज्वलित होने वाली 11 अखंड जोत निरंतर जलती रहती हैं। अपनी मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां आकर एक दीप जलाते हैं।
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(नोटः यह खबर धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है, अंशिका मीडिया किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता है)