नई दिल्ली। बैकिंग रूल के मुताबिक लोन लेने के लिए सिबिल स्कोर बहुत ही अहम चीज होती है भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे लेकर एक बड़ा नियम बनाया है। इस नए नियम के मुताबिक अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा। इस तरह अब ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर बेहतर बनाए रखने के लिए थोड़ी अतिरिक्त मेहनत करनी होगी या यूं कहें कि हर वक्त खुद को सही रखना होगा।
आपको बता दें कि ये नियम 1 जनवरी 2025 से प्रभावी होगा। अगर आपको ये नियम नहीं पता है और इसकी वजह से आपका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है तो आपको अगली बार लोन लेने के लिए बैंकों के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं।
जो लोग लोन लेकर उसे समय पर नहीं चुकाते हैं, ईएमआई समय से चुकाना भूल जाते हैं या फिर लोन का सेटलमेंट करवाते हैं, उन पर इसका बड़ा असर दिख सकता है। इससे उनका क्रेडिट स्कोर गिरेगा, जिससे उन्हें अगली बार लोन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
हर 15 दिन में होगा सिबिल अपडेट– अब ग्राहकों का क्रेडिट स्कोर नए नियम के मुताबिक हर 15 दिन में अपडेट होगा। आरबीआई ने कहा है कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अब क्रेडिट स्कोर को जल्द से जल्द अपडेट करें। खुद आरबीआई गवर्नर ने हाल ही में इसकी घोषणा की है और कहा है कि हर 15 दिन में क्रेडिट डेटा को अपडेट किया जाएगा।
ग्राहकों का सिबिल स्कोर हर महीने की 15 तारीख और महीने के अंत में अपडेट किया जा सकता है। अगर क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) और क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियां (CIC) चाहे तो वह अपने हिसाब से भी कोई निश्चित तारीखें भी तय कर सकती हैं, जिसके तहत हर 15 दिन में डेटा अपडेट किया जा सके। क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (CI) को ग्राहक की क्रेडिट इंफॉर्मेशन हर महीने CIC को देना अनिवार्य होता है।
लोन लेने देने के लिए होगा फायदेमंद– यह कदम लोन लेने और देने वाले दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। सही क्रेडिट इंफॉर्मेशन बैंक और एनबीएफसी दोनों के लिए बहुत अहम है। इसी से वह बेहतर फैसला ले सकते हैं कि किसे लोन देना चाहिए और किसे नहीं। साथ ही इससे लोन पर लगने वाली ब्याज दर भी तय करने में मदद मिलेगी। अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को कम दर पर लोन मिल सकेगा।
अगर क्रेडिट स्कोर हर 15 दिन में अपडेट होगा तो बैंकों के पास ग्राहकों को सटीक डेटा रहेगा। यानी उन्हें पता रहेगा कि कौन सा ग्राहक लोन चुकाने में अच्छा है और कौन सा नहीं। ऐसे में वह सही ग्राहक को सही दर पर ब्याज ऑफर सकेंगे। उम्मीद की जा रही है कि इससे डिफॉल्ट की संख्या में भी कमी आएगी, क्योंकि अगर कोई ग्राहक गड़बड़ी करता है तो उसे लेकर 15 दिन में ही सिबिल स्कोर डाउन हो जायेगा।