जब तक नहीं आएगा पंचाट का फैसला तब तक विनेश फोगाट हो वापस आएंगी भारत..

नई दिल्ली। विनेश फोगाट ने महिला 50 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में अपनी जगह बनाई थी, लेकिन स्वर्ण पदक के संग्राम के मुकाबले से ठीक पहले ही उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक आया था, जिस कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक खत्म होने के बाद भी अब तक स्वदेश लौटकर नहीं आई हैं। विनेश ने हालांकि संयुक्त रजत पदक देने की मांग पर खेल पंचाट (सीएएस) में अपील की थी जिस पर सुनवाई पूरी हो गई है। विनेश की अपील पर हालांकि बार-बार फैसला टल रहा है। अब जानकारी सामने आई है कि जब तक उनकी अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक यह महिला पहलवान स्वदेश लौटकर नहीं आएंगी।

फाइनल से पहले बाहर होने के बाद विनेश ने सोशल मीडिया पर संन्यास की घोषणा की थी। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अनुसार, विनेश की अपील पर मंगलवार यानी 13 अगस्त को भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे फैसला आना था, लेकिन इसे टाल दिया गया। अब अगला फैसला 16 अगस्त को आएगा। सूत्रों के हवाले से कहा, विनेश तब तक भारत नहीं आएंगी, जब तक उनकी अपील पर फैसला नहीं आ जाता।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने रविवार को स्पष्ट करते हुए कहा था कि वजन को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी एथलीट और उसके कोच की होती है। इसके लिए मेडिकल टीम को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था, कुश्ती, भारोत्तोलन, मुक्केबाजी, जूडो जैसे खेलों में एथलीट्स के वेट मैनेजमेंट की जिम्मेदारी हर एथलीट और उसके कोच की है। आईओए की मेडिकल टीम, खासकर डॉ. पारदीवाला के प्रति घृणा अस्वीकार्य है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों पर विचार करेंगे।

विनेश का फाइनल में हिल्डेब्रांट से होना था मुकाबला-विनेश सेमीफाइनल में क्यूबा की युसनेलिस गुजमान लोपेज को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक मैच तक पहुंची थीं। वह स्वर्ण के लिए अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट का सामना करने के लिए तैयार थीं, लेकिन वजन सीमा के उल्लंघन के लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इससे पहले टूर्नामेंट में, विनेश ने राउंड ऑफ 16 में जापान की टोक्यो ओलंपिक की चैंपियन युई सुसाकी को मात देकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

 

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