लड्डूगोपाल को लाएं अपने घर उनकी सेवा कर पाएं मनचाहा वरदान

नई दिल्ली। सावन का महीना पूजा-पाठ के लिए विशेष महत्व रखता है इस महीने में हर एक दिन अपने आप में विशेष होता है। भगवान लड्डू गोपाल को घर में रखने से सुख-समृद्धि और बरकत होती है। ऐसे में अगर आप जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल घर लाने को रहे हैं तो इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें।

विधि विधान से पूजा करने से मिलता है मनवांछित फल- भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को भगवान लड्डू गोपाल के रूप में पूजा जाता है। बाल स्वरूप की इस पूजा के लिए कड़े नियम और कायदे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सही तरीके से पूजा करने पर ही भगवान पूरी तरह प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। भगवान लड्डू गोपाल के स्वरूप की पूजा कैसे करें। साथ ही जानेंगे कि बाल गोपाल को प्रसाद के रूप में क्या चढ़ाना चाहिए।

लड्डू गोपाल की पूजा करने के ये हैं नियम-

नियमित रूप से नहलाएं 

लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण का बाल रूप हैं, इसलिए उन्हें बच्चों की तरह ही रखना चाहिए। लड्डू गोपाल को नियमित रूप से नहलाना चाहिए। इसके लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी का उपयोग करना चाहिए। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर लड्डू गोपाल को नहलाना चाहिए।

रोजाना कपड़े बदलें-

लड्डू गोपाल को नहलाने के बाद उन्हें बच्चों की तरह तैयार करें। उनके कपड़े रोजाना बदलें। उन्हें चंदन का तिलक लगाएं। मौसम के हिसाब से भी उन्हें कपड़े पहनाएं। जैसे- ठंड के मौसम में उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं। इसके अलावा उनका श्रृंगार करें। उनके कानों में बालियां, कलाइयों में चूड़ियां, हाथों में बांसुरी और मोर पंख होना चाहिए।

दिन में चार बार भोग लगाएं-

बाल गोपाल को दिन में चार बार भोग लगाएं। भोग में सात्विक भोजन ही शामिल करें। कान्हा को माखन और मिश्री बहुत पसंद है। ऐसे में उन्हें माखन और मिश्री का भोग लगाएं। इसके अलावा आप बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का भी भोग लगा सकते हैं। आप चाहें तो घर में बना सात्विक भोजन भी प्रसाद के तौर पर चढ़ा सकते हैं।मान्यता है कि जैसे छोटे बच्चों को बार-बार भूख लगती है, वैसे ही लड्डू गोपाल को भी भूख लगती है, इसलिए उन्हें समय-समय पर भोजन कराते रहना चाहिए।

प्रतिदिन पूजा करें-

लड्डू गोपाल की नियमित पूजा करें। उनकी आरती करें। लड्डू गोपाल की आरती दिन में चार बार करना अनिवार्य है।

झूला झुलाएं-

आरती के बाद लड्डू गोपाल को अपने हाथों से भोग लगाएं। इसके बाद लोरी गाते हुए झूला झुलाएं। झूले पर लगे पर्दे बंद करना न भूलें। रात को बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं।

उन्हें कभी न छोड़ें अकेला-

बाल गोपाल घर का सबसे छोटा सदस्य माना जाता है। बाल गोपाल का होना मतलब घर में छोटे बच्चे को रखना। इसलिए आपको उनका भी उसी तरह ख्याल रखना होगा, जैसे आप घर में छोटे बच्चे का रखते हैं। इसलिए बाल गोपाल को कभी घर में अकेला न छोड़ें। अगर आप कहीं लंबे समय के लिए जा रहे हैं तो उन्हें साथ ले जाएं। अगर संभव न हो तो घर की चाबी और लड्डू गोपाल की जिम्मेदारी किसी पड़ोसी या रिश्तेदार को दे दें।

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