भारत बन रहा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक, विश्व में अपना डंका बजाने वाले देश भी खरीद रहे हथियार

नई दिल्ली। भारत का रक्षा निर्यात साल दर साल नए नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में भारत के रक्षा निर्यात में 78 फीसदी की वृद्धि हुई है। भारत दुनियाभर के 90 से अधिक देशों को हथियार सप्लाई कर रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन सा देश भारत से सबसे अधिक हथियार खरीद रहा है। हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे और समझाएंगे भी।
केनबरा- भारत के रक्षा निर्यात में पिछले 10 वर्षों में 30 गुने से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है। रूस-यूक्रेन संघर्ष और इजरायल हमास युद्ध के कारण कई देशों ने अपने शस्त्र भंडार को बढ़ाने की कोशिश की है। इससे भारत के निर्यात में और अधिक इजाफा हुआ है। भारत का बढ़ता रक्षा उद्योग अब वैश्विक स्तर पर 90 से अधिक देशों को हथियार आपूर्ति करता है। सरकार भी प्राइवेट कंपनियों को आसानी से लाइसेंस दे रही है। इसके अलावा उनके वैश्विक स्तर पर अपने हथियारों के निर्यात में भी जमकर बढ़ावा दे रही है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है कि भारत से सबसे ज्यादा मात्रा में कौन सा देश हथियार खरीद रहा है। हालांकि, जो नाम सामने आया है, वह सबको चौंकाने वाला है।
भारत कर रहा दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की-
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत से सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देशों में अमेरिका पहले स्थान पर है। यह वही वही अमेरिका है , जो दुनिया भर की महाशक्ति कहलाता है। इसके अलावा अफ्रीका और अन्य देशों को भी रक्षा उपकरणों और हथियारों की आपूर्ति करने पर फोकस कर रहा है। इसके लिए भारत गरीब देशों को आसान ऋण भी मुहैया करा रहा है। भारत अपने देश के निर्यात को बढ़ाने के लिए कूटनीतिक शक्ति का भी इस्तेमाल कर रहा है।
लगातार बढ़ रहा निर्यात का आंकड़ा– रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 की पहली तिमाही में निर्यात में 78 फीसदी की भारी वृद्धि हुई है। अप्रैल-जून में रक्षा निर्यात एक साल पहले की अवधि के 3,885 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,915 करोड़ रुपये हो गया। 2023-2024 में यह रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 बिलियन डॉलर) पर पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष के 15,920 करोड़ रुपये से 32.5 प्रतिशत अधिक है।
अमेरिका बना सबसे बड़ा खरीदार- भारतीय रक्षा सामानों का सबसे बड़ा आयातक अमेरिका है, जो भारत के कुल रक्षा निर्यात का लगभग 50 फीसदी हिस्सा है। ऐसा मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि अमेरिकी कंपनियां अब अपने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क में और अपनी ऑफसेट प्रतिबद्धताओं के हिस्से के रूप में भारत से सालाना एक अरब डॉलर से अधिक मूल्य के सिस्टम, सबसिस्टम और पार्ट्स खरीदती हैं। डिफेंस सेक्टर से जुड़े के एक सूत्र ने कहा, “हमारा विचार है कि भारत न केवल संपूर्ण रक्षा प्रणालियों के लिए वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरे,बल्कि बड़ी कंपनियों के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का हिस्सा बने।” उन्होंने कहा, “चाहे अमेरिकी हों या फ्रांसीसी, वे अब भारत से बहुत कुछ खरीद रहे हैं, जो दर्शाता है कि घरेलू उद्योग कितना आगे बढ़ गया है।”
भारत क्या-क्या बेच रहा ये युद्ध सामग्री –
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत के रक्षा मंत्रालय ने निर्यात या खास देशों की ज्यादा जानकारी नहीं दी है। हालांकि, रिपोर्ट में सरकार, उद्योग और राजनयिक हलकों के कई स्रोतों के हवाले से बताया गया है कि भारत का रक्षा निर्यात व्यापक है। सरकारी स्वामित्व वाली और निजी क्षेत्र की कंपनियों के निर्यात में गोला-बारूद, छोटे हथियार (स्नाइपर राइफल और स्पेशल साइट सिस्टम) बुलेटप्रूफ जैकेट और हेलमेट, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बख्तरबंद वाहन, हल्के टॉरपीडो, सिमुलेटर, ड्रोन और तेज हमला करने वाले जहाज शामिल हैं।
कौन सा देश क्या खरीद रहा

म्यांमार पारंपरिक रूप से भारतीय रक्षा निर्यात के लिए एक बड़ा गंतव्य रहा है। हाल के वर्षों में इजरायल और आर्मेनिया जैसे देश भी भारतीय हथियारों के महत्वपूर्ण खरीदार के रूप में उभरे हैं। इजरायल कुछ साइट सिस्टम, भारत में मौजूद अपने ज्वाइंट वेंचर में बने हथियारों के साथ-साथ कुछ फ्यूज और गोला-बारूद के अलावा ड्रोन और उनके पार्ट्स का आयात करता है। जबकि भारत ने फिलीपींस के साथ ब्रह्मोस मिसाइल की डील की है और आर्मेनिया को आर्टिलरी गन के अलावा एयर डिफेंस सिस्टम के निर्यात के सौदों पर हस्ताक्षर किए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *