बेलदार के बेटे की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने मारा छापा अपर आयुक्त का पीए घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा गया, बरामद हुए 26 हजार


कानपुर। यूपी के कानपुर नगर में तैनात अपर नगर आयुक्त के पीए को घूस लेते रंगे हांथों पकड़ा गया। यहां बेलदार प्रोन्नति के लिए तीन साल से लगातार चक्कर लगा रहा था। बेलदार के बेटे के अनुसार 20 हजार रूपये लेने के बाद पीए ने 10 हजार रुपये और मांगे थे।

अपर नगर आयुक्त (प्रथम) के पीए राजेश यादव को शनिवार को विजिलेंस की टीम ने कार्यालय में 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। तीन साल से प्रोन्नति के लिए चक्कर लगा रहे बेलदार से 20 हजार रुपये लेने के बाद भी और पैसों की मांग की थी। इस पर बेलदार के बेटे ने विजिलेंस को सूचना दे दी। इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर अपर नगर आयुक्त के पीए राजेश को पकड़ लिया। उसके पास से 26 हजार रुपये भी बरामद हुए।

नगर निगम रबिश विभाग में चालक रामबाग निवासी मोहम्मद अर्सलान ने बताया कि उसके पिता मोहम्मद इफि्तखार मुश्ताक रबिश विभाग में ही बेलदार हैं। नियमानुसार उन्हें सुनिश्चित कॅरियर प्रोन्नयन का लाभ तीन साल पहले मिल जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने आवेदन भी किया था। आरोप है कि अपर नगर आयुक्त का पीए राजेश यादव तीन साल से ऑफिस के चक्कर लगवा रहे थे। 20 हजार रुपये लेने के बाद 10 हजार रुपये और मांग रहे थे। इसके चलते उसने विजिलेंस विभाग को सूचना दे दी। बीते शनिवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अर्सलान ने जैसे ही अपर नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचकर राजेश को 10 हजार रुपये घूस दी, तभी विजिलेंस के ट्रैप लीडर राजन कुमार, इंस्पेक्टर प्रदीप यादव, जुबेर अहमद, इंदु यादव ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। टीम उसे विजिलेंस कार्यालय ले जाने लगी तो कुछ लोगों ने विरोध किया। हालांकि टीम के परिचय देने के बाद सभी पीछे हट गए। जानकारी के लिए बता दें कि नगर निगम मुख्यालय में कार्यरत बाबू (कनिष्ठ लिपिक) राजेश कुमार यादव कार्मिक विभाग, विज्ञापन विभाग का काम देखने के साथ ही तीन महीने से अपर नगर आयुक्त (प्रथम) मोहम्मद आवेश खान का पीए भी है।

अर्सलान ने बताया कि राजेश को घूस की शेष रकम शुक्रवार को देनी थी, पर वह दफ्तर नहीं आया। फोन करने पर शनिवार को रुपये देने की बात तय हुई। राजेश शुक्रवार को दफ्तर आता तो उसी दिन पकड़ जाता। विजिलेंस इंस्पेक्टर प्रदीप यादव ने बताया कि राजेश यादव की तलाशी ली गई तो जेब से 26 हजार रुपये बरामद हुए। उसने इसे विज्ञापन शुल्क बताया, पर साक्ष्य नहीं दे पाया। कोषागार में क्यों नहीं जमा किया सवाल पूछने पर इस सवाल का भी जवाब नहीं दे पाया। राजेश के खिलाफ विजिलेंस थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

घूस मांगे तो हेल्पलाइन पर करें शिकायत-

विजिलेंस पुलिस अधीक्षक के अनुसार यदि कोई लोक सेवक सरकारी काम करने के बदले रिश्वत मांगे तो सीयूजी नंबर- 9454401872 या रिश्वत विरोधी हेल्पलाइन नंबर-9454401866 पर शिकायत की जा सकती है।

सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा टीवी मिला बंद

नगर निगम मुख्यालय स्थित केयरटेकर कार्यालय में लगे टेलीविजन में सीसीटीवी कैमरों का लाइव प्रसारण होता रहता है, पर इस घूसखोरी कांड के बाद यह टीवी बंद रहा। बताया गया कि टीवी खराब हो गया है।

 

नौकरी के 10,16 और 26 साल पूरे होने में मिलता है एसीपी का लाभ-

नगर निगम के एक कर्मचारी ने बताया कि नौकरी में तीन बार एसीपी का लाभ मिलता है। पहला लाभ नौकरी शुरू होने के 10 वर्ष पूरा होने पर। इसी तरह दूसरा और तीसरा लाभ क्रमश: नौकरी के 16 और 26 वर्ष पूरा होने पर मिलता है। लाभ यदि देरी से मिलता है तो उतने साल की बकाया धनराशि एरियर के रूप में एकमुश्त मिलती है।

2011 के करोड़ों के मामले वले विभाग में तैनात था राजेश- साल 2011 में नगर निगम लेखा विभाग में करोड़ों का घोटाला हुआ था। लेखा विभाग के कर्मचारियों ने कई फर्जी खाते खोलकर एसीपी, पीएफ व अन्य भत्तों की रकम इन्हीं में ट्रांसफर कर ली थी। तब राजेश यादव उसी विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत था। राजेश उस समय कंप्यूटर पर काम करता था, पर चपरासी होने की वजह से लिखापढ़ी में उसका नाम नहीं आया था।

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