अवनी लेखरा ने रचा इतिहास, पैराओलम्पिक में भारत को दिलाया गोल्ड..

नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक में दूसरे दिन भारत शानदार शुरुआत करते हुए अपना खाता खोला है। भारत की के हाथ एक साथ 2 मेडल आए हैं। सुपरस्टार पैरा शूटर अवनी लेखरा ने गोल्ड मेडल पर कब्ज़ा कर भारत का झंडा गाड़ दिया है। अवनी ने 10 मीटर एयर राइफल SH1 फाइनल इवेंट में गोल्ड मेडल पर निशाना साधा था। वहीं, इसके ठीक बाद मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल भारत के नाम कर दिया। एक ही इवेंट में 2 मेडल जीतकर भारत के पैरा एथलीट ने पेरिस पैरालंपिक में शानदार आगाज किया है।

इससे पहले अवनी लेखरा ने क्वालिफिकेशन राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह पक्की की थी। अवनी क्वालिफिकेशन राउंड में 625.8 के स्कोर के साथ दूसरा स्थान पर रहीं थी और पैरालंपिक रिकॉर्ड से चूक गई थी। उनका स्कोर पैरालंपिक रिकॉर्ड से केवल 0.2 प्वाइंट कम था। वहीं, मोना 623.1 के स्कोर के साथ पांचवें नंबर पर रहीं थी

अवनी ने लगातार 2 गोल्ड जीत रचा इतिहास-

आपको बतादें कि अवनी लेखरा जयपुर की रहने वाली हैं और स्टार पैरा शूटर हैं। अवनी पहली बार उस समय सुर्खियों में आई थी जब तीन साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में SH1 की केटेगरी में उन्होंने गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। उनके नाम एक ही पैरालंपिक में दो मेडल जीतने का रिकॉर्ड है। टोक्यो पैरालंपिक में उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड मेडल जीता था जबकि 50 मीटर राइफल थ्री-पोजीशन में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। पेरिस में अब मेडल जीतने के साथ ही अब वह लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला पैरा एथलीट बन गईं हैं

अवनी ने अभिनव बिंद्रा से ली प्रेरणा- आपको बता दें कि 12 साल पहले अवनी का कार एक्सीडेंट हुआ था जिसमें उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी थी। इस चोट के चलते उनके शरीर के निचले हिस्से में पैरालिसिस हो गया लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा से प्रेरणा लेकर उन्होंने शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू की और अब लगातार 2 पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास रच दिया है। कार दुर्घटना में शरीर के निचले हिस्से में गंभीर चोट के बाद से अवनी व्हीलचेयर का इस्तेमाल करती है। शूटिंग में SH1 श्रेणी में ऐसे निशानेबाज हिस्सा लेते हैं जिनकी बांहों, निचले धड़, पैरों की गति प्रभावित होती है या उनके हाथ या पैर में विकार या कोई प्रॉब्लम होती है। कहा जाता है कुछ कर गुजरने का अगर जज्बा हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता।

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