वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता, लड़कों के जन्मदिन पर मंडरा रहा खतरा, भविष्य में पैदा होंगी सिर्फ लड़कियां..

नई दिल्ली। स्त्री के गर्भ में पल रहा शिशु या भ्रूण नर होगा या मादा, यह उसके माता पिता के गुणसूत्र पर निर्भर करता है. महिलाओं के शरीर में दो X क्रोमोसोम होते हैं, जबकि पुरुषों में एक x और दूसरा Y क्रोमोसोम होता है। महिला और पुरुष के जब XX क्रोमोसोम मिलते हैं तो मादा यानी कि लड़की का जन्म होता है। इसके अलावा अगर XY गुणसूत्र मिलने पर नर यानी कि लड़कों का जन्म होता है। इस तरह से लड़का पैदा होने के लिए Y क्रोमोसोम का होना अवश्यक होता है। यदि पुरुषों का Y क्रोमोसोम खत्म हो जाए तो लड़कों का जन्म नहीं होगा, सिर्फ लड़कियां पैदा होंगी।

साइंस अलर्ट की रिपोर्ट क्या कहती है- साइंस अलर्ट की एक रिपोर्ट में कुछ इसी तरह का खतरा जताया गया है, जिसमें कहा गया है कि पुरुषों के अंदर Y क्रोमोसोम धीरे-धीरे कम हो रहा है। इस तरह से इंसानों का पूरा भविष्य खतरे में है। हालांकि, Y गुणसूत्र के खत्म होने में लाखों साल लग सकते हैं। यदि इंसानों ने Y क्रोमोसोम के विकल्प के तौर पर एक नए जीन को नहीं विकसित किया गया और Y क्रोमोसोम का पतन जारी रहा तो धरती से इंसानों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

Y क्रोमोसोम तय करता पुरष का जन्म- पुरुषों के गुणसूत्र में करीब 900 X जीन होते हैं जबकि Y के करीब 55 जीन होते हैं, जबकि बहुत सारे गैर कोडिंग डीएनए होते हैं. Y क्रोमोसोम में एक महत्वपूर्ण जीन होता है जो भ्रूण में पुरुष का विकास करता है। गर्भधारण के करीब 12 सप्ताह के बाद यह मास्टर जीन अन्य जीनों पर जाता है और भ्रूण का पुरुष हार्मोन बनाता है। यही सुनिश्चित करता है कि भ्रूण का विकास एक पुरुष के रूप में हो।

तेज रफ्तार से कम हो रहे Y क्रोमोसोम – एक रिसर्च में इस बात पर फोकस किया गया है कि दोनों क्रोमोसोम में असमानता बढ़ रही है। बीते 166 मिलियन वर्षों में Y क्रोमोसोम ने 900-55 सक्रिय जीन खो दिए। इस तरह से प्रति 10 लाख साल में 5 जीन कम हो रहे हैं। जिस तेजी Y क्रोमोसोम कम हो रहे हैं, आने वाले 11 मिलियन वर्षों में ये पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे। Y क्रोमोसोम की कम होती संख्या ने वैज्ञानिकों को टेंशन में डाल दिया है।

क्या Y क्रोमोसोम के बिना पुरुष का हो सकता है जन्म-

Y क्रोमोसोम घटने के बीच वैज्ञानिकों को चूहे की दो प्रजातियों से राहत मिली है, जो Y क्रोमोसोम खत्म होने के बाद भी जीवित हैं। पूर्वी यूरोप और जापान में ऐसे कांटेदार चूहे पाए गए हैं, जिनकी नस्लों में एक्स गुणसूत्र ही दोनों काम करते हैं। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि बगैर Y जीन के कैसे लिंग का निर्धारण होता है। नए रिसर्च में रिसर्च में कुरोइवा की टीम ने कहा कि प्रजनन के लिए शुक्राणु की जरूरत होती है। इसके लिए पुरुषों का होना आवश्यक है। इससे साफ हो जाता है कि Y गुणसूत्र का खत्म होना इंसानों के खत्म होने जैसा है। एक संभावित खतरा है।

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