नई दिल्ली। धार्मिक मान्यता के अनुसार हर माह में आने वाली अमावस्या को सभी दिनों में खास माना जाता है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ हवन आदि से जुड़े कार्य किए जाते हैं, जिससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पितरों को प्रसन्न और उनका आशीर्वाद पाने के लिए अमावस्या तिथि पर स्नान, दान से जुड़े कार्य करने चाहिए। साल में 12 अमावस्याएं मनाई जाती हैं, जिनमें भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि को सबसे खास माना जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पुण्य फल मिलता हैं।
पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन सोमवार पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। ये भाद्र माह में पड़ती है इसलिए इसे भादो अमावस्या या भादी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन दिन पूजा का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस पूजा को सपूंर्ण विधि से करना चाहिए। पूजा की विधि के बारे में बताते हैं।
सोमवती अमावस्या मुहूर्त-
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि का प्रारम्भ– 2 सितंबर सुबह 05 बजकर 21 मिनट पर
भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि समाप्त– 3 सितंबर सुबह 07 बजकर 24 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 38 मिनट – सुबह 05बजकर 24 मिनट
पूजा मुहूर्त – सुबह 06बजकर 09मिनट – सुबह 07बजकर 44 मिनट
सोमवती अमावस्या की पूजा विधि– सोमवती अमावस्या पर सूर्योदय से पहले नदी में स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें। इस दौरान कर्मकांड के साथ अपने पितरों का तर्पण करें। फिर कच्चे दूध में दही और शहद मिलाकर महादेव का अभिषेक करें। इस दौरान चौमुखी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ और आरती करें। सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करना अति शुभ होता है, इसलिए व्रत रखें। इस दौरान अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।
ये काम करना बेहद जरुरी-
अमावस्या के दिन दोपहर में पितरों को धूप दान करना चाहिए। इससे वह अपने वंशजों को आशीर्वाद देने आते हैं।
इस दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए। इसके बाद शाम में भी दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सोमवती अमावस्या के दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करना शुभ होता है।
अस्वीकरण– ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिये आंशिक मीडिया उत्तरदायी नहीं है।