लखनऊ। यूपी के प्रयागराज में बीते दिनों एक मदरसे में जाली नोट छापने की मशीन पकड़ी गई थी। यहाँ 100-100 रुपये के जाली नोट धड़ल्ले से छापे जा रहे थे उस मदरसे पर आज यूपी पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है। प्रयागराज की सिविल लाइन्स पुलिस और विकास प्राधिकरण की टीम ने मदरसे को खाली कराया और उसे सील कर दिया। विकास प्राधिकरण ने मदरसे के अवैध निर्माण के मामले में ये कार्यवाई की। सीलिंग का बैनर मदरसे पर लगा दिया। पीडीए अब मदरसे की ज़मीन के कागजातों की भी जांच करेगा।
मिली जानकारी के मुताबिक प्रयागराज के अतरसुईया में जामिया हबीबिया मदरसे में करीब सौ छात्र इस्लामिक शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इसमे पढ़ने वाले सभी छात्र बिहार-झारखंड के थे। मदरसे के सभी छात्र और मदरसे के सभी इन्तज़ामकार मौलाना अपना सामान समेट कर अपने अपने घर चले गए।
आरोप ये भी है कि जामिया हाबिया के मदरसे के प्रिंसिपल तफसिरुल और मदरसे के मौलाना ज़ाहिर खान ने ही नकली नोट की फैक्ट्री मदरसे में बनाई थी। आपको बतादें कि प्रिंसिपल के कमरे से सौ-सौ रुपये के एक लाख 30 हज़ार के जाली नोट बरामद हुए थे। जबकि बाद में प्रिंसिपल के कमरे से स्पीड पोस्ट की पर्चियां और कुछ भड़काऊ (समाज में अराजकता फैलाने वाली) किताबें मिली थी। इस भड़काऊ किताब को लेकर खुफिया एजेंसियां भी मौलाना और मदसे के प्रिंसिपल के कट्टरपंती संगठनों से रिश्ते की गहनता से जांच कर रही है।
खुफिया एजेंसियां मदरसे और मदरसे के प्रिंसिपल सहित सभी मौलानाओं के आर्थिक सोर्स की भी जाँचनकी जा रही है। क्योंकि ये लोग जकात के तौर पर मदरसा चलाने के लिए विदेशो से भी पैसा भेजा जाता था। इसके अलावा पुलिस और IB के साथ सुरक्षा एजेंसी प्रिंसिपल के कार्यकाल तक के पढ़ाये गए छात्रों का भी पता लगाने में जुटी हुई है। क्योंकि प्रिंसिपल के कमरे से मिली किताब से साफ है कि मदरसे का प्रिंसिपल तफसिरुल कट्टरपंथी विचार धारा का है और छात्रो को भी अपनी ज़हरीली सोच से ब्रेन वाश जरूर किया होगा। इस मामले में आधिकारिक तौर पर तो कोई नही सामने आयी है लेकिन मदरसे से निकले छात्र किसी आतंकी घटनाओं में या किसी आतंकी संगठन में शामिल तो नही इसका पता खुफिया एजेंसियां लगा रही हैं। इसके लिए पिछले 5 सालों तक का रिकार्ड पुलिस और जांच एजेंसी खंगाल रही है।