नई दिल्ली। पेरिस पैरालंपिक में भारत का धमाकेदार प्रदर्शन जारी है। भारतीय टीम ने गजब का कमाल करते हुए सोमवार को 8 पदक और मंगलवार को 5 पदक हासिल किये हैं। इस पैरालंपिक में भारत के कुल पदकों की संख्या अब तक 20 पहुंच चुकी है। भारत इस बार 3 दर्जन से अधिक मेडल का लक्ष्य लेकर इन खेलों के मैदान में उतरा है। ऐसे में भारतीय एथलीट्स अपनी मजबूती से कमर भी कस ली है टीम इंडिया इस लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अवनि लेखरा से शुरू हुई कहानी जारी है और अभी आगे भी कई पदकों की आस हैं। पेरिस पैरालंपिक में 84 पैरा एथलीट्स भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इन खेलों का आयोजन 8 सितंबर तक होना तय है। भारत ने 20 पदकों के साथ ही टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड,- भारत के लिए पेरिस पैरालंपिक सबसे सफल पैरालंपिक खेल साबित हुआ है। टोक्यो पैरालंपिक 2020 इससे पहले भारत का सबसे सफल पैरालंपिक रहा था। उसमें भारत ने 54 एथलीट्स भेजे थे और 19 पदक जीतने में कामयाब रहे थे। इनमें पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक शामिल थे। भारत ने 20 पदकों के साथ ही टोक्यो पैरालंपिक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हालांकि, इस बार स्वर्ण की संख्या अभी भी टोक्यो से कम है। टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने इन खेलों के इतिहास के सबसे ज्यादा स्वर्ण जीते थे। भारतीय एथलीट्स अगर 6 स्वर्ण पदक जीतने में कामयाब रहते हैं तो यह रिकॉर्ड भी टूट जाएगा। टोक्यो 2020 में भारत का रैंक 24 रहा था, जो कि अब तक का सर्वश्रेष्ठ है। भारत के पास इस उपलब्धि को पीछे छोड़ने का शानदार मौका भी है।
पैरालंपिक में इन खिलाडियों जीते पदक-
अवनि लेखरा- स्वर्ण पदक- निशानेबाजी
मोना अग्रवाल-कांस्य पदक- निशानेबाजी
प्रीति पाल-कांस्य पदक- एथलेटिक्स
मनीष नरवाल-रजत पदक- निशानेबाजी
रुबीना फ्रांसिस-कांस्य पदक- निशानेबाजी
प्रीति पाल-कांस्य पदक- एथलेटिक्स
निषाद कुमार-रजत पदक- एथलेटिक्स
योगेश कथुनिया-रजत पदक- एथलेटिक्स
नितेश कुमार: स्वर्ण पदक बैडमिंटन
मनीषा रामदास- कांस्य पदक बैडमिंटन,
तुलसीमति मुरुगेसन- रजत पदक- बैडमिंटन,
सुहास एलवाई- रजत पदक- बैडमिंटन,
राकेश कुमार/शीतल देवी- कांस्य पदक-तीरंदाजी,
सुमित अंतिल-स्वर्ण पदक- एथलेटिक्स
नित्या श्री सिवान-कांस्य पदक-बैडमिंटन,
दीप्ति जीवनजी-कांस्य पदक-एथलेटिक्स,
अजीत सिंह-रजत पदक- एथलेटिक्स,
सुंदर सिंह गुर्जर- कांस्य पदक-एथलेटिक्स,
शरद कुमार-रजत पदक- एथलेटिक्स,
मरियप्पन थंगावेलु-कांस्य पदक- एथलेटिक्स,
पैरालंपिक खेलों में भारत का इतिहास
पैरालंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में रोम पैरालंपिक खेलों से शुरुआत हुई थी। हालांकि, भारत ने 1960 और फिर इसके बाद 1964 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। 1968 तल अवीव पैरालंपिक खेलों में भारत कोई पदक नहीं ला सका था, जबकि 1972 हीडलबर्ग पैरालंपिक खेलों में भारत ने सिर्फ एक स्वर्ण पदक जीता था। तब भारत का रैंक 25 रही थी। 1976 टोरंटो और 1980 आर्नहेम पैरालंपिक खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। भारत ने 1984 पैरालंपिक्स में चार पदक जीते थे और 37वें स्थान पर रहा था। 1988 सियोल, 1992 बार्सिलोना, 1996 अटलांटा, 2000 सिडनी पैरालंपिक्स और 2008 बीजिंग पैरालंपिक्स में भारत कोई पदक नहीं जीत सका था।
भारत ने 2004 एथेंस पैरालंपिक्स में दो, 2012 लंदन पैरालंपिक्स में एक, 2016 रियो पैरालंपिक्स में चार पदक जीते थे। 2004 में भारत 53वें स्थान पर, 2012 में 67वें स्थान पर और 2016 में 43वें स्थान पर रहा था। अब पेरिस पैरालंपिक्स में भारत के पास इतिहास रचने का मौका है। पेरिस ओलंपिक में भारतीय दल के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पैरालंपिक्स में भारतीय एथलीट्स देशवासियों के चेहरे पर खुशियां लेकर आए हैं। भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कुल 6 पदक जीते थे। भारत ने अब तक सभी पैरालंपिक्स को मिलाकर कुल 12 स्वर्ण, 19 रजत और 20 कांस्य समेत कुल 51 पदक भारत के पास हैं।