नई दिल्ली। धार्मिक परम्परा के अनुसार आज 7 सितम्बर से गणेश उत्सव की शुरुआत पूरे पूरे भारत में हो रही है। इसका समापन 17 सितंबर 2024 को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। गणेश उत्सव हर साल भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होती है। इस दिन घरों और पंडालों में भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की जाती है। गणेशोत्सव का यह त्योहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। दस दिनों तक गणेश जी की पूजा के बाद चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन कर दिया जाता है। आग आप भी गणेश जी की स्थापना कर रहे हैं तो उससे पहले कुछ नियमों को जानना आवश्यक है। घर में गणपति जी बैठाने जा रहे हैं तो गणपति बप्पा की पूजा विधि पूजा मंत्र सब जानना जरुरी है।
गणपति की पूजा विधि-
सबसे पहले एक बर्तन में जल लेकर आएं। जहां भी आपने पूजा के लिए मंडप बनाया है, वहां चटाई बिछाकर बैठ जाएं। सबसे पहले हाथ में कुशा और जल लें, फिर मंत्र बोलें- ‘ओम अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा। य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:।।’ फिर जल को अपने ऊपर और पूजा की सारी सामग्री पर छिड़कें। इसके बाद तीन बार कुल्ला करें। हाथ में जल लेकर ‘ॐ केशवाय नमः ॐ नारायणाय नमः ॐ माधवाय नमः ॐ हृषीकेशाय नमः‘ का जाप करें। ऐसा कहते हुए तीन बार हाथ में जल लेकर मुंह पर डालें और फिर हाथ धो लें। इसके बाद जिस स्थान पर गणेशजी की पूजा करनी है, वहां कुछ बिन टूटे हुए चावल रखें। उसके ऊपर गणेशजी की मूर्ति रखें।
गणपति बप्पा की स्थापना विधि-
भगवान गणेश की मूर्ति को उत्तर-पूर्व कोने में स्थापित करना चाहिए और उसका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
भगवान गणेश की मूर्ति को आसन पर स्थापित करने से पहले उसे अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल छिड़क कर पवित्र करें।
आसन को शुद्ध करने के बाद लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अक्षत रखें। इसके बाद ही उस आसन पर गणपति बप्पा को शुद्ध हाथों से स्थापित करें।
भगवान श्री गणेश को गंगाजल से स्नान कराएं।
गणपति बप्पा की मूर्ति के बगल में ऋद्धि-सिद्धि रखें, इनकी जगह आप उनके स्वरूप में सुपारी भी रख सकते हैं।
भगवान की मूर्ति के दाहिनी ओर कलश रखें और उसमें जल भरें।
इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर गणपति बप्पा का ध्यान करें।
गणपति बप्पा को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।
उनकी पूजा में ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें।
पूजा के अंत में भगवान श्री गणेश की आरती करें।
गणेश स्थापना के नियम
अगर आप भी अपने घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करने जा रहे हैं तो उसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए।
गणपति बप्पा की स्थापना करने से पहले उस स्थान को साफ कर लें जहां आप भगवान गणेश को स्थापित करने जा रहे हैं। उस स्थान पर किसी भी तरह की अशुद्धता और कचरा न रहने दें।इसके बाद शुभ मुहूर्त में बप्पा की मूर्ति स्थापित करें।
भगवान गणेश की स्थापना करने के बाद प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा और आरती करें। दोनों समय भगवान गणेश को भोग लगाएं, धूप और दीप दिखाएं।
एक बार भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित हो जाने के बाद उसे वहां से न हटाएं। मूर्ति को वहां से केवल विसर्जन के समय ही हटाया जा सकता है।
साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि गणेश उत्सव के 10 दिनों तक नॉनवेज या शराब आदि का सेवन न करें। न ही ऐसी चीजें घर लेकर आएं। हो सके तो इस दौरान लहसुन और प्याज खाने से बचें।
अस्वीकरण-यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। आंशिक मीडिया किसी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।