कानपुर में बढ़ते शीतकाल के साथ ही आवारा कुत्तों का आतंक भी बढ़ता जा रहा है। शहर के विभिन्न इलाकों में विशेषकर सुबह के समय सैर पर निकलने वाले लोग कुत्तों के झुंड के हमले का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में हुई कुछ घटनाओं ने इस समस्या की गंभीरता को उजागर किया है।
समस्या के कारण:
- आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या: शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- खाद्य की कमी: ठंड के मौसम में खाद्य की कमी के कारण कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं।
- नगर निगम की उदासीनता: नगर निगम द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़ने और उन्हें वैक्सीन देने के लिए उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
समाधान:
- आवारा कुत्तों का नसबंदी अभियान: नगर निगम को शहर भर में आवारा कुत्तों का नसबंदी अभियान चलाना चाहिए।
- कुत्तों को भोजन और पानी उपलब्ध कराना: शहर के विभिन्न स्थानों पर कुत्तों के लिए भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
- जागरूकता अभियान: लोगों को आवारा कुत्तों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें कुत्तों को न खिलाने और न ही उन्हें परेशान करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
- कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष दस्ते का गठन: नगर निगम को आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए विशेष दस्ते का गठन करना चाहिए।
- पशु चिकित्सकों की टीम: कुत्तों को पकड़ने के बाद उन्हें पशु चिकित्सकों द्वारा जांच कराई जानी चाहिए और उन्हें आवश्यक टीके लगाए जाने चाहिए।
आवारा कुत्तों का खतरा शहरवासियों के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम को तत्काल प्रभाव से कड़े कदम उठाने होंगे। लोगों को भी इस समस्या के प्रति जागरूक होकर प्रशासन का सहयोग करना चाहिए।