सलोनी तिवारी: प्रयागराज, तीर्थराज के रूप में विख्यात, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आध्यात्मिक यात्रा का साक्षी बना। प्रधानमंत्री ने संगम नगरी के पुण्य क्षेत्र में स्थित अक्षय वट के दर्शन किए। अक्षय वट को भारतीय संस्कृति में अमर चेतना का प्रतीक माना जाता है। नरेंद्र मोदी ने इसे ज्ञान, विज्ञान और अध्यात्म का केंद्र बताते हुए इस अमर वृक्ष से प्रार्थना की कि यह अमृतकाल में भारत के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए अक्षय ऊर्जा का स्रोत बने।
अक्षय वट, जो हजारों वर्षों से भारतीय सभ्यता के गौरव का प्रतीक है, प्रयागराज के पवित्र संगम क्षेत्र में स्थित है। प्रधानमंत्री ने इसे देश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए भगवान से देशवासियों की प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संगम के पास स्थित श्री बड़े हनुमान जी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस प्राचीन मंदिर में हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा को देखने लाखों भक्त हर वर्ष आते हैं। प्रधानमंत्री ने पवनपुत्र हनुमान जी से देशवासियों के सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की।
प्रधानमंत्री की इस आध्यात्मिक यात्रा ने प्रयागराज के महत्व और इसके धार्मिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को एक बार फिर राष्ट्रीय पटल पर उजागर किया। संगम नगरी में उनकी इस यात्रा को श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अमृतकाल के संदर्भ में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की अनवरत यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी परंपराएं और धरोहरें देश को आगे बढ़ाने के लिए ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत हैं।