हेल्थ डेस्क: सर्दियों का मौसम आते ही ठंडक बढ़ने से कई स्वास्थ्य समस्याएं सामने आती हैं। इन समस्याओं में जोड़ों का दर्द सबसे आम है। अक्सर यह देखा गया है कि ठंड बढ़ने पर पुराने जोड़ों का दर्द या पुरानी चोटों का दर्द फिर से उभरने लगता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? हेल्थ एक्सपर्ट प्रिया त्रिवेदी ने इस समस्या के पीछे के कारण और समाधान बताए हैं।
जोड़ों के दर्द के पीछे के कारण
- ठंड के कारण रक्त प्रवाह में कमी
सर्दियों में ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों में रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे मांसपेशियां और जोड़ सख्त हो जाते हैं और दर्द बढ़ जाता है। - मांसपेशियों और लिगामेंट्स की कठोरता
ठंडक के कारण मांसपेशियां और लिगामेंट्स सख्त हो जाते हैं, जिससे जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और दर्द महसूस होता है। - वायुमंडलीय दबाव में बदलाव
सर्दियों में वातावरण में दबाव घटने से जोड़ों के अंदर सूजन हो सकती है, जिससे गठिया या पुराने दर्द वाले लोग अधिक प्रभावित होते हैं। - शारीरिक गतिविधि में कमी
ठंड के मौसम में लोग कम सक्रिय रहते हैं, जिससे जोड़ों का लचीलापन कम हो जाता है और दर्द की संभावना बढ़ जाती है। - पुरानी चोटों का दर्द लौटना
ठंड में पुरानी चोटों का स्थान अधिक संवेदनशील हो जाता है और दर्द लौट सकता है।
जोड़ों के दर्द से बचने के उपाय
- व्यायाम को बनाए रखें: रोजाना हल्का व्यायाम या योग करें ताकि जोड़ों में लचीलापन बना रहे।
- गरम कपड़ों का इस्तेमाल करें: ठंड से बचने के लिए जोड़ों को अच्छे से ढकें।
- तेल मालिश: सरसों या जैतून के तेल से नियमित मालिश करें ताकि रक्त प्रवाह बेहतर हो।
- गर्म सिकाई करें: गर्म पानी या हीटिंग पैड से जोड़ों की सिकाई करें।
- संतुलित आहार लें: हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने के लिए विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन खाएं।
निष्कर्ष
सर्दियों में जोड़ों का दर्द एक आम समस्या है, लेकिन इसे सही देखभाल और सक्रिय जीवनशैली से नियंत्रित किया जा सकता है। अगर दर्द अधिक समय तक बना रहे, तो विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है।