सलोनी तिवारी: सफला एकादशी सनातन धर्म में अत्यंत शुभ और सौभाग्यशाली मानी जाती है। इस व्रत का महत्व खासतौर पर जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त करने के लिए होता है। पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली इस तिथि पर भगवान विष्णु की आराधना और कुछ विशेष उपाय करने से जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 25 दिसंबर, बुधवार की रात 10 बजकर 29 से शुरू होगी, जो 27 दिसंबर, गुरुवार की रात 12 बजकर 44 मिनिट तक रहेगी। चूंकि एकादशी का सूर्योदय 26 दिसंबर को होगा, इसलिए इसी दिन सफला एकादशी का व्रत किया जाएगा। इस दिन सुकर्मा, सुस्थिर और वर्धमान नाम के 3 शुभ योग भी रहेंगे। व्रत का पारणा अगले दिन यानी 27 दिसंबर, शुक्रवार को किया जाएगा।
सफला एकादशी के व्रत का महत्व
- भगवान विष्णु की कृपा: इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है।
- परेशानियों का समाधान: सफला एकादशी के विशेष उपाय जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और भाग्योदय में सहायक माने जाते हैं।
सफला एकादशी के उपाय
- सफलता प्राप्ति के लिए:
- भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
- उन्हें चावल के आटे से बने हलवे का भोग लगाएं।
- ध्यानपूर्वक पूजा-अर्चना करें, इससे जीवन में आ रही बाधाओं का निवारण होगा।
- सुखी वैवाहिक जीवन के लिए:
- कच्चा सूत लेकर केले के पेड़ में लपेटें।
- केले के पेड़ की विधिवत पूजा करें।
- इस उपाय से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है, और अविवाहितों को योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
- व्यापार में सफलता के लिए:
- पीले रंग के वस्त्र का दान करें।
- अपने दुकान या ऑफिस में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
- इस उपाय से व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
विशेष सावधानियां
- व्रत के दिन सात्विक भोजन करें और मन को शांत रखें।
- झूठ, क्रोध, और अहंकार से बचें।
- पूजा विधि और मंत्रों का जाप सही तरीके से करें।
सफला एकादशी का पालन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।