सलोनी तिवारी: प्रयागराज :अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा के महंत रामजी दास महाराज के अनुसार, तीनों अनी अखाड़ों की स्थापना से लेकर उनकी परंपराएं समान हैं। इन अखाड़ों के ईष्टदेव हनुमान जी हैं। इनकी स्थापना 14वीं और 15वीं शताब्दी के बीच हुई थी।
सनातन धर्म और साधु-संतों की रक्षा है उद्देश्य
महंत रामजी दास महाराज ने बताया कि श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े का उद्देश्य सनातन धर्म और साधु-संतों की रक्षा करना है।
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