मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नववर्ष के पहले दिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए सभी संबंधित विभागों को कई अहम निर्देश दिए।
मुख्य बिंदु:
- सड़क सुरक्षा समितियों की सक्रियता:
- जनपदीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक 5 जनवरी तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सुनिश्चित करें।
- प्रत्येक महीने सड़क सुरक्षा बैठक आयोजित हो।
- जागरूकता कार्यक्रम:
- 6-10 जनवरी तक स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
- बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए नाटक, संगीत, कविता, संगोष्ठी, और भाषण प्रतियोगिताएं आयोजित हों।
- दुर्घटना संभावित स्थलों की पहचान:
- अधिक दुर्घटनाओं वाले क्षेत्रों को चिह्नित कर समाधान की कार्ययोजना तैयार करें।
- साइनेज और क्रेन सेवाओं को प्राथमिकता दें।
- वाहनों और चालकों पर विशेष ध्यान:
- ओवरलोडिंग पर रोक और बार-बार चालान होने पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई।
- ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित और नाबालिगों का संचालन रोकने पर जोर।
- परिवहन निगम के बस चालकों की नियमित स्वास्थ्य जांच अनिवार्य।
- ध्वनि प्रदूषण और अवैध गतिविधियों पर रोक:
- बाइकों के मोडिफाई साइलेंसर और अवैध बस संचालन पर प्रतिबंध।
- रेहड़ी-पटरी वालों के लिए वेंडिंग जोन और वैध स्टैंड बनाए जाएं।
- सड़क सुरक्षा माह और मूल्यांकन:
- सड़क सुरक्षा माह सभी 75 जनपदों में लागू हो।
- हर तीन महीने में जिला स्तर पर कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन।
- महाकुंभ के लिए तैयारी:
- बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए पीआरडी और होमगार्डों की संख्या बढ़ाई जाए।
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आपातकालीन सेवाएं:
- एंबुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम न्यूनतम हो।
- राहगीरों को घायलों को गोल्डन ऑवर में सहायता देने के लिए प्रेरित किया जाए।