सलोनी तिवारी: कानपुर, 11 जनवरी – इस्कॉन कानपुर और फिजिक्सवाला ने मिलकर शनिवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें शिक्षकों के लिए वर्क-लाइफ बैलेंस और एक आदर्श शिक्षक के गुणों पर चर्चा की गई।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीमान देवव्रत दास जी (इस्कॉन सिलिकॉन वैली) रहे, जिन्होंने श्रीमद्भगवत गीता की शिक्षाओं के आधार पर जीवन में व्यक्तिगत और व्यावसायिक संतुलन बनाने के उपाय बताए।
देवव्रत दास जी ने बताया कि आध्यात्मिकता को जीवन का केंद्र बनाकर सही और गलत का स्पष्ट भेद किया जा सकता है और इससे आनंदपूर्ण जीवन व्यतीत किया जा सकता है। उन्होंने यह भी समझाया कि नियमित दिनचर्या और हरे कृष्ण महामंत्र के जाप से मन की शांति और ऊर्जा का संचार संभव है।
शिक्षकों के लिए आदर्श मार्गदर्शन
प्रभु जी ने बताया कि एक आदर्श शिक्षक का कर्तव्य है कि वह छात्रों के गुणों को पहचाने और उनका मार्गदर्शन करे। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवत गीता की शिक्षाओं को अपनाकर शिक्षक छात्रों को परिणाम से आसक्ति रहित होकर कर्म करने की प्रेरणा दे सकते हैं।
प्रभु जी ने यह भी जोर दिया कि आत्महत्या जैसी बढ़ती समस्याओं को रोकने के लिए छात्रों में कृष्ण चेतना का विकास करना आवश्यक है, जिसमें शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
रोचक प्रश्नोत्तर सत्र
कार्यक्रम के अंत में एक प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जहां शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और प्रतिदिन आने वाली चुनौतियों से संबंधित प्रश्न पूछे।