सलोनी तिवारी: 12 मार्च 2025 को मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में भारतीय नौसेना के दूसरे फ्लीट सपोर्ट शिप (एफएसएस) के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक, भारतीय नौसेना, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) और मेसर्स एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
भारतीय नौसेना ने अगस्त 2023 में पांच एफएसएस के अधिग्रहण के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। इस परियोजना की पहली डिलीवरी 2027 के मध्य में शुरू होने की उम्मीद है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत, एचएसएल ने दो एफएसएस के निर्माण का कार्य मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली को सौंपा है, जिससे देश की जहाज निर्माण क्षमता का प्रभावी उपयोग हो सके।
बेड़े की ताकत को बढ़ाएगा एफएसएस
नौसेना में शामिल होने के बाद, ये फ्लीट सपोर्ट शिप समुद्र में बेड़े के जहाजों को ईंधन, पानी, गोला-बारूद और अन्य आवश्यक भंडार उपलब्ध कराएंगे। इससे नौसेना के जहाज लंबे समय तक समुद्र में परिचालन कर सकेंगे और उनकी रणनीतिक पहुंच व गतिशीलता बढ़ेगी। इसके अलावा, एफएसएस मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिससे प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री और कर्मियों को त्वरित सहायता मिल सकेगी।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
यह परियोजना पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है और अधिकांश उपकरण भी स्वदेशी निर्माताओं से प्राप्त किए जा रहे हैं। यह भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड पहल के अनुरूप है, जो देश के जहाज निर्माण उद्योग को एक नई दिशा देने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगी।