भारत में हर महीने लोग Online ठगी या साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। इनसे हर महीने लाखों-करोड़ों रुपये ऐंठे जा रहे हैं। सरकार इस तरह की साइबर ठगी को रोकने के लिए लगातार कोशिश कर रही है लेकिन कई फायदा नजर नहीं आ रहा है। ऑनलाइन ठगी के लिए WhatsApp सबसे बड़ा हथियार हो गया है। अब साइबर ठगों ने लोगों को ठगने के लिए WhatsApp के ही एक फीचर का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। आपके लिए इस ठगी के तरीके के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
WhatsApp का स्क्रीन शेयर फीचर बना हथियार
WhatsApp ने कुछ दिन पहले ही स्क्रीन शेयर फीचर लॉन्च किया है जो कि जूम, गूगल मीट और माइक्रोसॉफ्ट टीम्स के जैसा ही है। स्क्रीन शेयर के जरिए लैपटॉप या फोन की स्क्रीन को किसी अन्य के साथ शेयर किया जा सकता है जिसके बाद वह आपके लैपटॉप पर हो रही एक-एक गतिविधि पर नजर रख सकता है। इस फीचर की मदद से साइबर ठग लोगों के सिस्टम को अपने कब्जे में ले रहे हैं और फिर उनके साठ ठगी कर रहे हैं। इस स्कैम को WhatsApp screen share scam कहा जा रहा है।
क्या है WhatsApp स्क्रीन शेयर स्कैम?
WhatsApp स्क्रीन शेयर स्कैम में यूजर्स केवाईसी या किसी जरूर काम को लेकर लोगों को गुमराह करते हैं और फिर वीडियो कॉल करने करते हैं। इसके बाद वे स्क्रीन शेयर करने के लिए कहते हैं। स्क्रीन शेयर होते ही ठग सात समंदर पार बैठे आपके फोन की एक-एक चीज को देख सकता है। स्क्रीन शेयर होते ही ये ठग फोन को अपने कंट्रोल में लेते हैं। इसके बाद वे आपके मैसेज पढ़ सकते हैं, खुद ही ओटीपी देख सकते हैं और फोन पर हो रही एक-एक गतिविधि को रिकॉड कर सकते हैं। ये ठग लोगों से फोन को ठीक करने के लिए स्क्रीन शेयर करने को कहते हैं।
इस Scam से बचने का क्या है तरीका?
किसी भी तरह के अनजान वीडियो और वॉयस कॉल को रिसीव ना करें।
किसी से भी व्हाट्सएप कॉल करने से पहले नंबर को एक बार जरूर चेक करें कि वह सही है या नहीं।
किसी भी कीमत पर किसी के साथ ओटीपी, डेबिट कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर आदि को शेयर ना करें।
व्हाट्सएप कॉल के दौरान किसी के साथ स्क्रीन शेयर करने की गलती ना करें।
किसी भी वेब लिंक पर क्लिक ना करें और ऑनलाइन कोई फॉर्म ना भरें।