पहले ही प्रयास में IAS बनीं “सौम्या पाण्डेय” – स्पेशल स्टोरी

सलोनी तिवारी: वीमेन इम्पॉवरमेंट की सीरीज में आज हम आपका परिचय कराते हैं IAS बनीं “सौम्या पाण्डेय” जी से 

सलोनी तिवारी: आपने देश की सबसे कठिन परीक्षा में पहली ही बार में सफलता हासिल की उसके बारे में कुछ बताएं 

IAS “सौम्या पाण्डेय” : यूपीएससी civil services exam भारत का ही नहीं पूरे विश्व का सबसे कठिन एग्जाम माना जाता है और यह मेरे लिए भी उतना ही कठिन था जितना और लोगों के लिए होता है पर मुझे ऐसा लगता है कि अच्छे से पढ़ाई करके और सही स्‍ट्रैटजी (strategy)  के साथ मैंने प्रयास अच्छे से किया एवं  माता-पिता और भगवान के आशीर्वाद और टीचर्स के गाइडेंस की वजह से मेरे प्रथम प्रयास में ही ऑल इंडिया लेवल पर चौथा स्थान प्राप्त किया।  उस समय मेरी उम्र 22 – 23 वर्ष की थी।

सलोनी तिवारी: क्या आपने IAS बनने का सपना बचपन से ही देखा था ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” : बचपन में मुझे नहीं पता था की IAS क्या होता है पर मैं ‍ˈऐस्‌ट्रनॉट्‌ (ASTRONAUT) बनना चाहती थी।  स्पेस में जाना चाहती थी। मेरी माता जी डॉक्टर हैं तो माँ चाहती थीं की मैं डॉक्टर बनूँ। मुझे मैथ्स में भी रूचि थी तो कभी लगता था की मैं साइंटिस्ट बन जायूँ तो कभी इंजीनिर बनने का ख्याल मन में आया। मैंने 10th एवं 12 th क्लास में अपने जिले में टॉप किया था। 12 th पास करने के बाद मुझे सिविल सर्विस अच्छी लगने लगी।

एक बार मैं एक प्रोग्राम में गयी वहां सिविल सर्विसेज के toppers आये थे और उनकी बातें सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुई।  तब मुझे पता चला की प्रशासनिक सेवा अन्य जॉब से अलग होती है। यदि हम इंजीनियर बनते हैं तो टेक्निकल फील्ड में काम कर सकते हैं। डॉक्टर बनते हैं तो मेडिकल फील्ड में काम कर सकते हैं।  जब आप प्रशासनिक सेवक बनते हैं तो आप विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कृषि, मेडिकल, एजुकेशन, इत्यादि में काम कर सकते हैं अपने विचारों को क्रियान्वित कर सकते हैं। इन बातों से प्रभावित होकर मैंने बी.टेक करने के दौरान सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की।

सलोनी तिवारी: आप शुरू से ही पढ़ाकू रही हैं या और भी Hobbies रहीं हैं आपकी ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” : मैं पढ़ाकू तो रहीं हूँ उसके साथ –  साथ  मुझे खेलना कूदना बहुत पसंद था।  इसके अलावा मुझे नृत्य करना बहुत पसंद था।

मैंने बचपन में हेमा मालिनी जी को टीवी पर डांस करते हुए देखा था तो मैंने अपनी माँ को बोला की मुझे भी ऐसे डांस करना है।  मेरी माता जी ने मुझे भरत नाट्यम डांस सीखने के लिए प्रयागराज में क्लास ज्वाइन करा दिया।  3-4 साल बाद मुझे कत्थक सीखने की रूचि हुई तो मेरी गुरु उर्मिला शर्मा जी रहीं जिनसे मैंने कत्थक डांस सीखा। उर्मिला शर्मा जी पंडित बिरजू महाराज जी की शिष्या हैं।  मैंने अखिल भारतीय आल इंडिया स्तर पर डांस में प्रथम स्थान भी प्राप्त किया। भारत नाट्य अकादमी लखनऊ में सेकंड स्थान प्राप्त किया। स्कूल के दौरान मैं बास्केट बाल भी खेलती थी। कॉलेज में NCC में भी रही हूँ। पढाई के अलावा अन्य एक्टिविटीज में भी मेरी रूचि रही है।

सलोनी तिवारी: फॅमिली में आपको किसका सपोर्ट रहा है ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” :  महिला होने के नाते मुझे भी ऐसा लगता है की लड़कियों को माँ का सपोर्ट ज्यादा रहता है।  मुझे मेरे पिता जी का भी सपोर्ट रहा है पर माँ का सपोर्ट अधिक रहा है। मेरी माँ डॉक्टर हैं और हमेशा से ही उन्होंने हमे ये सिखाया है की एजुकेशन से ही हम अपनी लाइफ बदल सकते हैं। उन्होंने घर में भी मुझे पढाई का बहुत माहौल दिया। आज मैं जहाँ हूँ उसमे मेरे माता – पिता का बहुत सपोर्ट रहा है।

सलोनी तिवारी: अपनी पर्सनल एवं प्रोफेशनल लाइफ को कैसे मैनेज कर पाती हैं ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” :  मुझे ऐसा लगता है की वर्किंग वीमेन के लिए भगवान् अलग से शक्ति देकर भेजते हैं जिससे वो घर एवं बाहर दोनों को अच्छे से संभाल पाती हैं। लेकिन इस शक्ति के साथ साथ फैमिली सपोर्ट बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है।  शादी से पहले माता पिता एवं शादी के बाद पति एवं परिवार का सपोर्ट बहुत मायने रखता है। माननीय प्रधानमंत्री जी भी कहते हैं की “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” तो मेरे माता – पिता जी ने भी मुझे पढ़ाया है और मैं सिविल सर्विसेज में आ पाई।  शादी के बाद अब मेरी फैमिली भी पूरा सपोर्ट करती हैं मैं भी एक बिटिया की माँ हूँ और प्रशासनिक कार्यों के चलते उस समय बच्चे की जिम्मेदारी मेरी फैमिली अच्छे से निभाती है जिससे मैं परिवार और प्रशासनिक सेवाओं की जिम्मेदारी निभाती हूँ।

सलोनी तिवारी:  आपने जब जॉब ज्वाइन की तब अलग – अलग जगह पोस्टिंग रही होगी उससे जुडी कुछ बातें  बताइये। 

IAS “सौम्या पाण्डेय” : ये बहुत अच्छा सवाल है।  जब मैं सिविल सर्विस में आयी तब मुझे समझ आया की मैं बहुत लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हूँ। मेरी पहली पोस्टिंग सिद्धार्थ नगर में हुई थी।  उस जिले को सोशल और इकनोमिक दोनों क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। उस जिले में मुझे अलग अलग क्षेत्र में काम करने का मौका मिला।  मैंने शिक्षा के लिए कार्य करना शुरू किया। मैं सरकारी स्कूल में जाती थी और देखती थी कि सरकार ने स्कूलों में बहुत अच्छी सुविधाएं दे रखीं थी।  क्लास – स्कूल सबका काया कल्प हो गया था। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा स्कूलों को दीक्षा एप के जरिये पढ़ने की सुविधा दी गयी है। मैंने वहां स्कूल में बच्चों के लिए स्मार्ट टीवी की व्यवस्था जन सहयोग से की जिससे बच्चे ऑडियो एवं वीडियो फॉर्मेट के जरिये मन लगाकर पढाई कर सकें और ऐसा देखा गया की स्मार्ट टीवी लगने के बाद बच्चों का पढाई में अच्छा आउटकम आने लगा। सभी विषयों में बच्चों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिले।  इस छोटे से प्रयास से अधिक से अधिक बच्चे पढाई की तरफ आकर्षित होने लगे।

कानपुर देहात में मैंने महिलाओं के समूह को सशक्त करने के लिए “देहाती मार्ट” को शुरू किया। जिसमे जो महिलायें उत्पाद बनाती थी उनको माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा “देहाती मार्ट” ब्रांड लांच कराया गया जिसके अंतर्गत उन उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग की गयी। माननीय मुख्यमंत्री जी “मिशन शक्ति” को बढ़ावा देते हैं उसी क्रम में ये एक पहल की गयी थी।

सलोनी तिवारी: आप अपनी उपलब्धियों के बारे में बताइये। 

IAS “सौम्या पाण्डेय” : मेरी अचीवमेंट्स में बहुत लोगों का सपोर्ट रहा है।  कत्थक में मुझे आल इंडिया क्लासिकल डांस कम्पटीशन में मैंने फर्स्ट प्राइज जीता।  बालश्री अवार्ड तक भी मैं पहुंची।

मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री अकादमी – जहाँ IAS ट्रेनिंग होती है वहां माननीय प्रधानमंत्री जी भी आये थे उनके सामने मुझे कत्थक परफॉर्म करने का मौका मिला वहां प्रधानमन्त्री जी ने भी इसके लिए तारीफ की। स्कूल टाइमिंग में मुझे बास्केट बाल, स्विमिंग इत्यादि में भी प्राइज मिले। ओलम्पियार्ड में भी स्टेट लेवल तक पहुँचने का मौका मिला।

प्रशासनिक जीवन में सिद्धार्थ नगर में स्मार्ट क्लासेज के लिए वहां के जिलाधिकारी द्वारा मुझे प्रशस्तिपत्र दिया गया था।  गाजियाबाद में जॉइंट मजिस्ट्रेट रहने के दौरान मैंने सफाई पर बहुत ध्यान दिया था स्वच्छ भारत अभियान के तहत मोदी नगर तहसील की रैंकिंग बहुत बढ़ाई थी।

कानपुर देहात में पोस्टिंग के दौरान माननीय प्रधानमंत्री, माननीय मुख्यमंत्री, माननीय राज्यपाल, पूर्व राष्ट्रपति जी को उनके पैतृक ग्राम परौख में उनके भ्रमण की जिम्मेदारी दी गयी थी। पूर्व राष्ट्रपति जी के पैतृक ग्राम को स्मार्ट गाँव बनाने का प्रयास किया गया था जिसकी मुख्यमंत्री जी ने बहुत सराहना की थी।

एक जलाभिषेक कार्यक्रम मेरे द्वारा चलाया गया था जिसका उद्देश्य वाटर हार्वेस्टिंग को बढ़ावा देना था  जिसमे मुझे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा “जल प्रहरी” सम्मान दिया गया था।

मुझे रक्षा मंत्रालय में भी एक प्रोजेक्ट में काम करने का मौका मिला था।  जिसके लिए माननीय रक्षामंत्री जी द्वारा भी मुझे सम्मानित किया गया था।

सलोनी तिवारी: आप देश की महिलाओं को क्या सन्देश देना चाहती हैं ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” : सभी महिलाओं को ये सन्देश देना चाहती हूँ की आपके अंदर ही शक्ति है उसे बाहर खोजने की जरूरत नहीं है।  यदि आप माँ हैं तो अपनी बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।

सलोनी तिवारी: आप सोशल मीडिया पर भी बहुत एक्टिव रहती हैं ?

IAS “सौम्या पाण्डेय” : मुझे ऐसा लगता है की मैंने प्रथम प्रयास में एग्जाम क्रैक किया है तो मुझे लगता है की बहुत से ऐसे बच्चे हैं जो IAS की तैयारी कर रहे हैं और उनको भी मार्गदर्शन की जरूरत है।  माननीय मुख्यमंत्री जी की अभ्युदय योजन के अंतर्गत निशुल्क शिक्षा दी जाती है उसमे चयनित IAS भी पढ़ा सकते हैं तो उसी क्रम में मैं भी बच्चों को पढाई के विषय में बताती हूँ।

अंशिका मीडिया की टीम IAS अधिकारी “सौम्या पाण्डेय” जी को बहुत बहुत धन्यवाद एवं शुभकामनाएं देती हैं। 

 

 

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