सलोनी तिवारी : चित्रकूट से 15km. की दूरी पर स्थित भरतकूप मंदिर में एक कूप है जिसका धार्मिक महत्व बाबा तुलसीदास ने रामचरित मानस में वर्णित किया है। जब प्रभु श्रीराम चौदह साल का वनवास काटने के लिए चित्रकूट आए थे। तभी भारत अयोध्या की जनता के साथ राम को मनाने चित्रकूट आए थे। साथ में प्रभु का राज्याभिषेक करने को समस्त तीर्थो की जल भी लाए थे लेकिन भगवान राम चौदह साल वन रहने को दृढ़ प्रतिज्ञ थे। इस पर भरत जी काफी निराश हुए और जो जल व सामग्री प्रभु के राज्याभिषेक को लाए थे उसको इसी कूप में ऋषि अत्रि मुनि के कहने पर छोड़ दिया था और भगवान राम की खड़ाऊ लेकर लौट गए थे। यहां पर बना भरतकूप मंदिर भी अत्यंत भव्य है। इस मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघन की मूर्तियां विराजमान है।