सलोनी तिवारी : बुद्ध पूर्णिमा, जिसे वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है।
भगवान बुद्ध का जीवन
गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुम्बिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। वे शाक्य वंश के राजा शुद्धोधन और रानी महामाया के पुत्र थे। युवा सिद्धार्थ ने एक शाही जीवन जीया, लेकिन संसारिक दु:खों को देखकर वे आहत हुए और सत्य की खोज में निकल पड़े।
सिद्धार्थ ने कठोर तपस्या और ध्यान के माध्यम से अंततः बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया और वे गौतम बुद्ध बने। उनके ज्ञान का मूल उद्देश्य था “दु:खों से मुक्ति और निर्वाण की प्राप्ति”। बुद्ध ने अपना शेष जीवन लोगों को सत्य, अहिंसा, और करुणा का संदेश देते हुए बिताया।
बुद्ध पूर्णिमा का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए तीन प्रमुख घटनाओं का प्रतीक है:
- जन्म: लुम्बिनी में सिद्धार्थ का जन्म।
- ज्ञान प्राप्ति: बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे बुद्धत्व की प्राप्ति।
- महापरिनिर्वाण: कुशीनगर में भगवान बुद्ध का महापरिनिर्वाण।