रुद्राक्ष है सबसे पवित्र, धारण करने से पहले जान ले नियम नहीं तो लग सकता है शिव दोष

रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान शिव से माना जाता है। इसे बहुत ही पवित्र माना गया है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, रुद्राक्ष यानी भगवान शिव का अश्रु, ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है। इसे धारण करना बहुत ही शुभ माना जाता है। लेकिन रुद्राक्ष धारण करने के लाभ तभी मिलते हैं, जब इससे संबंधित कुछ नियम कर्म का ध्यान रखा जाए।

रुद्राक्ष पहनने के फायदे:-
ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मन शांत रहता है। और एकाग्रता बढ़ती है। नियमों के अनुसार, रुद्राक्ष धारण करने से नकारात्मकता भी दूर बनी रहती है और मन में बुरे विचार नहीं आते। यह भी मान्यता है कि रुद्राक्ष हानिकारक ग्रहों के प्रभाव से भी रक्षा करता है। इतना ही नहीं रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति पर भगवान शिव की हमेशा कृपा बनी रहती है।

रुद्राक्ष धारण करने से पहले रखें ध्यान:– रुद्राक्ष धारण करने से पहले इसे पंचामृत और गंगाजल से शुद्ध करना चाहिए। इसके बाद साफ नये कपड़े से साफ काटने के बाद रुद्राक्ष पर तिलक लगाएं/ रुद्राक्ष का अभिषेक कर धूप दिखाएं। इसके बाद ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। और इसके बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।

ध्यान देने योग्य बातें:-
रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे कभी भी अशुद्ध हाथों से नहीं छूना चाहिए। रुद्राक्ष को हमेशा विषम संख्या(29,31,33,35…..) में धारण करें। यदि आप रुद्राक्ष की माला धारण करना चाहते हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि माला में 27 से कम रुद्राक्ष नहीं होने चाहिए। वरना व्यक्ति को शिव दोष लग सकता है। रुद्राक्ष पहनने वाले व्यक्ति को कभी भी मांसाहार और मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए

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