मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए रखें त्रयोदशी व्रत, मां पार्वती संग भगवान शिव होंगे यहाँ विराजमान

नई दिल्ली:-हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी की तिथि पर प्रदोष व्रत रखे जाने क्यो मान्यता है। आज के दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी गुरुवार और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी शनिवार को है। गुरुवार के दिन पड़ने के चलते गुरु प्रदोष व्रत और शनिवार के दिन पड़ने की वजह से शनि प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस व्रत को करने का पुण्य फल दिन के अनुसार प्राप्त होता है। शनि प्रदोष व्रत करने से नव दंपती को संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता भी मिलती है। हम आज शनि प्रदोष व्रत के बारे में जानते हैं।

ज्योतिष विद्वानों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त को सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 18 अगस्त को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। अतः 17 अगस्त को शनि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन प्रदोष काल यानी पूजा का समय शाम 06 बजकर 58 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 11 मिनट तक है।
इस दौरान पूजक भगवान शिव की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

शुभ योग:-
ज्योतिषियों की मानें तो शनि त्रयोदशी पर सबसे पहले प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक है। इसके बाद आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। आयुष्मान योग का संयोग पूर्ण रात्रि तक है। इस दिन शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग पूर्ण रात्रि तक है। इस दौरान भगवान शिव सबसे पहले जगत जननी मां पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे।

दैनिक पंचांग
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 58 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 18 मिनट पर

चंद्रास्त- प्रात: काल 04 बजकर 10 मिनट पर (18 अगस्त)

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 58 मिनट से 07 बजकर 20 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 09 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक

अस्वीकरण- इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। आंशिक मीडिया यहां इस लेख में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में दर्शित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/और धर्मग्रंथों से संकलित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। आंशिक मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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