नई दिल्ली। बरसात के मौसम में जल प्रदूषण एक आम समस्या होती है, जो हेपेटाइटिस का कारण बन सकती है। इसलिए इससे बचने के लिए हमेशा उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। घर में वॉटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। और कहीं का भी पानी पीने से बचें। इसके अलावा यात्रा करते समय अपनी पानी की बोतल साथ रखें।
साफ सफाई का रखें विशेष ध्यान:-
हेपेटाइटिस, विशेष रूप से हेपेटाइटिस ए और ई, जो मलाशय-मुंह के जरिए फैलता है, को रोकने के लिए हाथों की स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है। इसके लिए खाने से पहले, टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बाद और संभावित दूषित जगहों के संपर्क में आने के बाद अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
फ्रेश खाने का करें प्रयोग:-
प्रदूषण की संभावना बढ़ने के कारण मानसून के दौरान स्ट्रीट फूड और कच्चे फूड आइटम्स को खाना विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है। इससे सुरक्षित रहने के लिए ताजा और पका हुआ भोजन करें । कच्चा सलाद खाने से बचें और सुनिश्चित करें कि फल और सब्जियां ठीक से धोई या छीली हुई हों। और उनको पानी में देर तक धुलें या फिर गर्म पानी में धुलें तो ज्यादा बेहतर होगा।
बाढ़ वाले इलाकों में आने जाने से बचें:-
मानसून के दौरान, बाढ़ के पानी में जाने से बचें, क्योंकि इनमें ऐसे वायरस होते हैं जो हेपेटाइटिस का कारण बनते हैं। अगर बाढ़ के पानी के संपर्क में आना भी पड़े, तो सुनिश्चित करें कि आप बाद में खुद को अच्छी तरह से साफ कर लें और संक्रमण को रोकने के लिए किसी भी खुले घाव का तुरंत इलाज करें।
बेकार की चीजों को अच्छे से डिस्पोज करें:-
हेपेटाइटिस को फैलने से रोकने के लिए किसी भी तरह के वेस्ट प्रोडक्ट खासकर ह्यूमन वेस्ट को सही तरीके डिस्पोज करें। सुनिश्चित करें कि सीवेज सिस्टम ठीक से काम कर रहे हों और ऐसी जगह जाने से बचें, जहां डिस्पोज की अच्छी व्यवस्था न हो। साथ ही सही सैनिटेशन सुविधाओं का इस्तेमाल करें और खुले में शौच न करें और न करने दें।
वैक्सीन को न करें अवॉयड:-
कुछ प्रकार के हेपेटाइटिस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन एक बेहद प्रभावशाली तरीका है। हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें, खासकर अगर आप हाई रिस्क में हैं या इस बीमारी के फैलने की संभावना वाले क्षेत्रों में रह रहे हैं।