श्रावण मास की हरियाली अमावस्या पर बन रहे 4 विशेष संयोग, जाने पूजन का मुहूर्त.

नई दिल्ली। हमारी हिन्दू परंपरा में पेड़-पौधों को भगवान के रूप में भी माना गया है और लोग हरियाली अमावस्या के दौरान उनकी पूजा करते हैं। कुछ जगहों पर इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने की प्रथा है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है।

हरियाली अमावस्या सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर चार बहुत ही शुभ संयोग बनने से इस बार श्रावण अमावस्या विशेष शुभ मानी जा रही है। हरियाली अमावस्या का इंतज़ार लोगों को साल भर रहता है क्योंकि यह पौधे लगाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इस समय बारिश के कारण पूरी धरती पर खूब हरियाली होती है और प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती है। इसी कारण से सावन की अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है।

इस दिन मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या बन रहे हैं शुभ योग-हरियाली अमावस्या की तिथि सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आरंभ: 03 अगस्त, शनिवार, दोपहर: 03: 50 मिनट से

सावन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि समाप्त: 04 अगस्त, रविवार, सायं 4: 42 मिनट पर

लेकिन उदयातिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व 04 अगस्त को मनाया जाएगा ।

हरियाली अमावस्या पर बन रहे हैं 4 शुभ संयोग-इस वर्ष हरियाली अमावस्या पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बार हरियाली अमावस्या पर सिद्धि योग, रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। आइए जानते शुभ योग का समय

सिद्धि योग- 04 अगस्त, रविवार भोर से लेकर सुबह 10:38 तक

रवि पुष्य योग: 04 अगस्त, रविवार, प्रातः 05:44 से दोपहर 01:26 तक

सर्वार्थ सिद्धि योग: 04 अगस्त, रविवार, प्रातः 5: 44 मिनट से दोपहर 1: 26 मिनट तक

पुष्य नक्षत्र: 04 अगस्त, रविवार,प्रात:काल से लेकर दोपहर 01:26 मिनट तक उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है.

हरियाली अमावस्या पूजन मुहूर्त- हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:20 से प्रात: 05:02 तक

अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से दोपहर 12:54 तक

हरियाली अमावस्या पर स्नान दान का शुभ समय: प्रातः 05:44 से दोपहर 01:26 तक

हरियाली अमावस्या काभी क्या है महत्व-

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, सावन में देवी-देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही शुभ महीना है। हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण देना और दान-पुण्य करना भी बहुत उपयोगी होता है। हिंदू परंपरा में पेड़-पौधों को भगवान के रूप में भी दर्शाया गया है और लोग हरियाली अमावस्या के दौरान उनकी पूजा करते हैं। कुछ जगहों पर इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने की प्रथा है। हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, पीपल के पेड़ पर तीन देवताओं का वास माना जाता है- ब्रह्मा, विष्णु और महेश। यदि आप इस दिन एक पौधा लगाते हैं तो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपकी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी। अमावस्या का दिन हमारे पूर्वजों को समर्पित है। इसलिए हरियाली अमावस्या के दिन पितरों को तर्पण और पिंडदान करना शुभ माना जाता है।

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