आज है सावन का तीसरा मंगल, रखें मंगला-गौरी व्रत होगी मनोकामना पूरी, जानें पूजा की विधि..

नई दिल्ली। सावन माह के इस मंगलवार का बहुत खास महत्व होता है। आज श्रावण मास का तीसरा मंगला गौरी व्रत है। आज हम इस लेख में मंगला गौरी व्रत के उपाय के साथ, पूजा विधि, मंत्र और व्रत के नियम के बारे में जानते हैं।हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। श्रावण मास में भगवान शिव और जगत जननी माता पार्वती जी की पूजा बहुत धूमधाम से की जाती है। इसके अलावा सावन में कई व्रत और त्योहार भी पड़ते हैं, जो पूजा-पाठ के लिए अति उत्तम माने जाते हैं, जैसे- सावन के सोमवार के दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और मंदिर में जाकर जलाभिषेक करते हैं। श्रावण मास का मंगलवार भी बहुत खास महत्व होता है, धर्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन माह का सभी मंगलवार मां मंगला गौरी को समर्पित होता है। आज यानी 06 अगस्त को इस श्रावण मास का तीसरा मंगला गौरी व्रत है।

पति कि खुशहाली के लिए रखती हैं सुहागिन व्रत-

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के सुख समृद्धि के लिए व्रत रहती हैं, और जिन कुवारी लड़कियां मनचाहा वर पाने पाने के लिए मंगला गौरी व्रत रखती हैं। ये भी माना जाता है कि इस व्रत को करने से मंगल दोष शांत होता है और विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा जिन जातकों के विवाह में देरी हो रही है या कुंडली में मंगल दोष है, उन्हें मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ उपाय करने चाहिए। जो आज हम इस लेख में मंगला गौरी व्रत के उपाय के साथ, पूजा विधि, मंत्र और व्रत के नियम के बारे में विस्तार से जानेंगे।

मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि-सबसे पहले सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। देवी गौरी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। फिर घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें और वहां पर देवी गौरी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पूजा के लिए नैवेद्य (भोग), जल, चंदन, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, और वस्त्र तैयार करें। मां पार्वती को लाल रंग के वस्त्र और सुहाग का सामान अर्पित करते हुए विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद घी का दीपक जलाएं एवं आरती करें । ध्यान रखें यर बातें- पूजा के लिए सभी सामग्रियों जैसे फल, पान, लड्डू, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, सुहाग की सामग्री और चूड़ियां आदि की संख्या 16 होनी चाहिए। पूजा सामग्रियों को अर्पित करने के बाद मंगला गौरी की व्रत कथा सुनें। पूजा के बाद पति की लंबी आयु और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करें।

मंगला गौरी व्रत के नियम-

व्रत का संकल्प लेकर दिनभर संयमित रहें और सिर्फ सात्विक आहार ग्रहण करें। शरीर और मन की शुद्धता बनाए रखें। पूजा विधि का अच्छे से पालन करें और ध्यानपूर्वक मंत्रों का जाप करें। आज काले और नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचें। भगवान को भोग अर्पित करने के बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें। व्रत के दिन जरूरतमंदों को दान करें और उनकी सेवा करें।

मंत्र:-

“ॐ श्री गौरी शंकराय नमः”

“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं गौरी मंगला याय नमः”

व्रत रखकर करें ये खास उपाय-

विवाह मे आ रही अड़चन तो रखें मंगला गौरी व्रत-

अगर किसी व्यक्ति के विवाह में समस्याएं आ रही है, तो वह मंगला गौरी व्रत के शुभ दिन पर एक मिट्टी का खाली पात्र बहते जल में प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से शीघ्र विवाह के योग बन सकते हैं।

मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान आप जरूरतमंद लोगों को शहद का दान करें। फिर महादेव की पूजा करें। माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन सुखमय रहता है।

मंगला गौरी व्रत की पूजा के दौरान ‘ॐ गौरीशंकराय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। माना जाता है कि ऐसा करने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है।

इस व्रत के दिन मां पार्वती और शिव जी की पूजा करें। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं। मान्यता है कि इससे शिव जी और पार्वती माता की कृपा बनी रहती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मंगला गौरी व्रत की पूजा के बाद गरीब व जरूरतमंदों को लाल मसूर की दाल का दान करें। इस दौरान लाल रंग के वस्त्र भी दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है।

अस्वीकरण-ये लेख मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए आंशिक मीडिया उत्तरदायी नहीं है।

 

 

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