ओलम्पिक हॉकी में मेडल लेकर ले लिया संन्यास, बोले श्रीजेश खाली हाथ तो नहीं जा रहा घर

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक के समापन समारोह में मनु भाकर का साथ देंगे भारतीय हॉकी टीम के स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश। जो भारत के ध्वजवाहक होंगे। भारतीय ओलंपिक संघ ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की है आईओए ने अपने बयान में कहा,कि ‘पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों के समापन समारोह में पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर के साथ संयुक्त ध्वजवाहक के रूप में हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश को नियुक्त किया गया है। वहीं भारतीय ओलंपिक संघ को खुशी हो रही है।’

श्रीजेश आइओए की नजर में लोकप्रिय पसंद-

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा कि श्रीजेश आईओए नेतृत्व के भीतर एक भावनात्मक और लोकप्रिय पसंद थे। अभी के मौजूदा खेलों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद फिलहाल श्रीजेश ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास ले लिया। शुक्रवार को हॉकी इंडिया ने दिग्गज खिलाड़ी को जूनियर पुरुष हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है। वह अब युवा टीम को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे।

श्रीजेश ने स्पेन को हराकर मेडल जीतकर लिया सन्यास-

भारत ने गुरुवार को स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया और इसके साथ ही श्रीजेश ने हॉकी को अलविदा को गुड-बाय कह दिया । श्रीजेश लंबे समय से भारतीय हॉकी टीम के एक अहम सदस्य रहे हैं। श्रीजेश ने पेरिस ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया और विरोधी टीम के सामने दीवार बनकर खड़े रहे। स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में भी श्रीजेश ने अंतिम क्वार्टर में शानदार बचाव किए थे और उन्हें बढ़त लेने से रोका था। इस तरह टीम ने श्रीजेश को जीत के साथ विदाई दी।

संन्यास को लेकर श्रीजेश का क्या है फैसला-शुक्रवार को श्रीजेश के संन्यास के बाद फैंस भावुक हैं और लगातार उनसे वापसी की मांग कर रहे थे। इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘यह विदा लेने का सही समय है। मुझे लगता है कि ओलंपिक खेलों से विदा लेने का यह सही तरीका है, एक पदक के साथ। हम खाली हाथ घर नहीं जा रहे जो बड़ी बात है। मैं लोगों की भावनाओं का सम्मान करता हूं लेकिन कुछ फैसले कठिन होते हैं। सही समय पर फैसला लेने से हालात खूबसूरत हो जाते हैं। इसलिए मेरा फैसला नहीं बदलेगा। टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है और इस मैच को इतना यादगार बना दिया। टोक्यो में मिले पदक की मेरे दिल में खास जगह है। इससे हमें आत्मविश्वास मिला कि हम ओलंपिक में पदक जीत सकते हैं।’

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