नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में अफगानिस्तान की ब्रेक डांसर मनिझा तलाश को ‘फ्री अफगान वूमेन’ नारे वाली ड्रेस पहनने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया है । हालांकि, वे भारतीय ब्रेक डांसर सार्डजो से भी हार गई थीं।
आपको बतादें अफगानिस्तान के रहने वाली और ओलंपिक में शरणार्थी टीम की तरफ से भाग ले रही ब्रेक डांसर मनिझा तलाश को शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया गया। दरअसल, उन्होंने प्री क्वालीफायर के दौरान ‘फ्री अफगान वूमेन’ (अफगानिस्तान की महिलाओं को आजादी दो) के नारे वाली ड्रेस पहन रखी थी। यह 21 वर्षीय ब्रेक डांसर अगर अयोग्य घोषित नहीं भी की जाती तब भी आगे नहीं बढ़ पाती क्योंकि वह भारत की ब्रेक डांसर सार्डजो से पहले ही हार चुकी थी।
सार्डजो को ‘बी-गर्ल इंडिया’ के नाम से जाना जाता है। ओलंपिक में खेल के मैदान और पोडियम पर राजनीतिक बयानों और नारों पर प्रतिबंध है। वर्ल्ड डांसस्पोर्ट फेडरेशन ने बाद में एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि प्री-क्वालीफायर मुकाबले के दौरान अपनी पोशाक पर राजनीतिक नारा प्रदर्शित करने के लिए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। तलाश ने 2021 में अफगानिस्तान को छोड़कर स्पेन में शरण ली थी।
18 साल की होने से पहले की ब्रेक डांसिंग की खोज-
मूल रूप से काबुल की रहने वाली मनीझा ने 18 साल के होने से ठीक पहले सोशल मीडिया के माध्यम से ब्रेकडैंसिंग की खोज की। 1990 (जहां एक हाथ पर एक ब्रेकर लगातार घूमता है) जैसी पावर मूव्स से प्रेरित होकर वह शुरू में अपने नेटिव ब्रेकडैंसरों के एक छोटे ग्रुप का हिस्सा बन गईं।
2022 में रिफ्यूजी के रूप में स्पेन पहुंचने के बाद मनिझा ने मैड्रिड में रिफ्यूजी ओलंपिक टीम के साथ ट्रोनिंग शुरू की। वह पेरिस ओलंपिक में ब्रेकिंग के ऐतिहासिक डेब्यू का हिस्सा थीं, जिसे ब्रेकडांसिंग भी कहा जाता है। जो आकोनिक प्लेस डे ला कॉनकॉर्ड में हुआ।
प्रतियोगिता में 17 प्रतिभाशाली बी-गर्ल्स शामिल थीं, जो एक दूसरे से कड़े मुकाबलों में भिड़ी। जापान की अमी युवासा ने फाइनल में लिथुआनिया की डोमिनिका ‘निका’ बनेविच को फाइनल में हराया। जबकि चीन की लियू ‘671’ किंगयी ने कांस्य पदक जीतने मे कामयाब रही।