एससी/एसटी और ओबीसीके बिल को लेकर संसद में उठी मांग आक्रोषित लोगों ने भारत बंदी कर किया ऐलान

नई दिल्ली। एससी/एसटी और ओबीसी के बिल में बदलाव पार उठी मांग ऐ आक्रोहित लोगों मे भारत बंदी का ऐलान कर दिया है। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज ‘भारत बंदी’ का आह्वान किया है। ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने अपनी मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग भी शामिल हैं।

भारत बंदी को लेकर क्या हैं मांग- एससी/ एसटी संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के फैसले पार अपना विपरीत रुख अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की नीव रखी थी।

संसद में नए क़ानून बनाने को लेकर उठी मांग- एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए।

बसपा सुप्रीमो मायावती भारत बंदी के समर्थन में उतरी- मायावती ने भारत बंद का समर्थन किया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि भाजपा व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर सम्बंधी मा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध इनमें रोष व आक्रोश। इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की माँग जबरदस्त, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किये जाने की अपील।

भारत बंद का ये राजनीतिक दल कर रहे समर्थन– आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति समेत कई दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद को कई राजीनितक दल भी समर्थन कर रहे हैं। इनमें बसपा, आरजेडी, चंद्रशेखर आजादा की आजाद समाज पार्टी समेत कई छोटे दल भी शामिल हैं।

बिहार में भारत बंद का असर- बिहार के जहानाबाद – SC-ST के आरक्षण में क्रिमीलेयर लागू करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के विरोध में आज भारत बंद, है। बंद के दौरान समर्थकों ने ऊंटा मोड़ के समीप NH-83 को किया जाम, जाम से अभ्यर्थियों को हो रही है सबसे ज्यादा परेशानी, एनएच-83 पर लगी वाहनों की लंबी कतार

क्या-क्या खुले रहेंगे-

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत बंद के आह्वान के बावजूद सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल, कॉलेज, पेट्रोल पंप चालू रहेंगे। इसके अलावा, आपातकालीन सेवाएं जैसे चिकित्सा, पेयजल, सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं और बिजली सेवाएं खुली रहेंगी।

बाजार खुलेंगे या बंद-

विरोध प्रदर्शन का आयोजन करने वाले समूह ने सभी व्यापारिक संगठनों से बाजार बंद रखने का आग्रह किया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बाजार वास्तव में बंद होंगे या नहीं। क्योंकि बाजार समितियों से इसकी पुष्टि नहीं हुई है। भारत बंद से सार्वजनिक परिवहन और निजी कार्यालयों पर असर पड़ सकता है। एम्बुलेंस सहित आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।

भारत बंद को लेकर सुरक्षा की क्या है व्यवस्था –

पूरे देश में आज भारत बंद है। संभावित अशांति की आशंका को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने जिलों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। चप्पे चप्पे पौड़ी पुलिस की मौजूदगी है जगह जगह बैरिकेटिंग लगायी गयी है

संवेदनशील क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

 

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