नई दिल्ली। मोबाइल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। हमारे देश में मोबाइल फोन यूज़ करने वालों की संख्या 100 करोड़ से भी ज्यादा है। आजकल जब भी कोई अपराध होता है तो पुलिस सबसे पहले अपराधी का मोबाइल फोन खंगालते हैं, जिससे कोई न कोई सुराग मिल जाए। मोबाइल मैसेज, कॉल हिस्ट्री, वेब हिस्ट्री, फोटो, वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट आदि अपराध का पता लगाने में काफी मददगार शाबित होते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर फोन के मैसेज, फोटो, वीडियो या फिर कॉल हिस्ट्री को डिलीट कर दिया जाए, तो क्या इसे अपराध माना जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने किया साफ अपराध होगा या नहीं-
देश के करोडों मोबाइल फोन यूजर्स की इस सस्पेंस को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने दूर कर दिया है। सुप्रीमकोर्ट ने माना कि फोन से मैसेज डिलीट करना कोई अपराध नहीं है। आज कल यूजर्स तेजी से मोबाइल फोन को बदलते हैं। मोबाइल फोन को समय-समय पर अपडेट और अपग्रेड करने की वजह से फोन से मैसेज, कॉल आदि डिलीट हो जाते हैं।जो एक आम बात है ऐसे में इसे एक अपराध नहीं माना जा सकता है
मोबाइल फोन है प्राइवेट प्रॉपर्टी- सुप्रीम कोर्ट करोड़ों मोबाइल यूजर्स को राहत देते हुए कहा कि उनका फोन एक प्राइवेट चीज है। ऐसे में यूजर्स प्राइवेसी की वजह से भी फोन से कई चीजें डिलीट कर देते हैं। साथ ही, तकनीकी कारणों से भी फोन के मैसेज या फोटो और वीडियो आदि को डिलीट किया जाता है। फोन की स्टोरेज खाली करने के लिए ज्यादातर यूजर्स ये करते हैं,जिससे फोन स्मूथ चलता रहे। जस्टिस बी आर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि यह एक सामान्य ह्यूमन कंडक्ट है, इसे अपराध की श्रेणी और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता है। हालांकि, आईटी एक्ट के तहत सोशल मीडिया के लिए रेगुलेशन बनाए गए हैं, जिसके तहत भारतीय संविधान के धाराओं के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है। हाल ही में केन्द्र सरकार ने आईटी एक्ट में कई नए नियम भी जोड़े हैं
इन मामलों में हो सकती है कानूनी कार्रवाई
वैसे तो भारत में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर कोई नियम नहीं है। लेकिन अगर, आप मोबाइल फोन का इस्तेमाल मैसेज या कॉल के जरिए धमकाने के लिए करते हैं, तो आप पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
प्राइवेसी के उल्लंघन पर होगी कार्यवाई-
वहीं, आप अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्राइवेसी के उल्लंघन के लिए करते हैं, तो भी आप पर कार्रवाई की जा सकती है।
इसके अलावा मोबाइल फोन के जरिए किसी प्राइवेट जानकारी को लीक करना और सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो शेयर करना कानून का उल्लंघन माना जाता है।