नई दिल्ली। आज रविवार का दिन बेहद खास है क्योंकि आज मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिवजी की पूजा-आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है। कहते हैं कि जो भी भक्त मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक महादेव की पूजा करता है उसे मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही उसके जीवन में चल रही तमाम समस्याओं का समाधान भी चुकियों में निकल जाता है। तो आज यानी कि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग चढ़ाने के बाद शिव मंत्र का जप किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि की पूजा किस मुहूर्त में करना आपके लिए विशेष फलदायी होगा।
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त– आपको बता दें कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, भाद्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का प्रारम्भ 3 बजकर 40 मिनट से होगी। चतुर्दशी तिथि समाप्त 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर होगी।
मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व– धार्मिक मान्यता के अनुसार है जो भक्त मास शिवरात्रि का व्रत करते हैं, भगवान शिव उनसे प्रसन्न होकर उनके सभी कामों को सफल बनाते हैं। उनके दांपत्य जीवन में खुशियां ही खुशियां आती है। साथ ही अविवाहित लोगों के विवाह में आ रही मुश्किलें दूर हो जाती है और सुयोग्य वर या वधू की प्राप्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि-
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।
इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
अब मंदिर की सफाई कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध करें।
फिर शिवलिंग, भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
शिवलिंग पर गंगाजल बेलपत्र, पुष्प, धूप-दीप और भोग अर्पित करें।
महादेव के सामने घी या तेल का दीया जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें।
इसके बाद शिवजी की आरती करें और बाद में मंत्रों का जप करें।
शिव जी के इन मंत्रों का करें जाप-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
ॐ नमः शिवाय
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
ॐ नमो भगवते रुद्राय।
अस्वीकरण- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। आंशिक मीडिया किसी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।