सलोनी तिवारी : कानपुर : मैनावती मार्ग स्थित इस्कॉन कानपुर द्वारा जन्माष्टमी के उपलक्ष्य पर ऑनलाइन जन्माष्टमी मेगा कॉन्टेस्ट का आयोजन किया गया था। 1 सितंबर रविवार को इस्कॉन कानपुर में प्रतिभागी छात्रों का पुरस्कार वितरण समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया।श्रीमदभागवतम पर केंद्रित श्रील प्रभुपाद द्वारा रचित कृष्ण पुस्तक पर आधारित इस प्रतियोगिता में कानपुर के प्रतिष्ठित विद्यालयों जैसे डी.पी.एस कल्याणपुर, जी.डी. गोयंका पब्लिक स्कूल बीएन.एस.डी शिक्षा निकेतन एवं अनेक और विद्यालयों के सैकड़ो छात्रों ने प्रतिभागिता की। संपूर्ण कानपुर से कक्षा 6 से लेकर 11वीं तक के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक इस आयोजन में भाग लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के मर्म को समझते हुए छात्रों को भारतीय आध्यात्मिक विरासत के प्रति प्रेरित करना था। भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाएं भारतीय संस्कृति की अभिन्न अंग है।इन आध्यात्मिक शिक्षाओं से जुड़कर छात्र आज के युग में होने वाली तनाव एवं मानसिक दबाव से बहुत सरलता से विजई हो सकते हैं।पुरस्कार वितरण समारोह में दोनों समूह (कक्षा 6 से 8 एवं कक्षा 9 से 11)के प्रतिभागी उपस्थित थे। इस प्रतिभागिता के लिए प्रथम द्वितीय तृतीय पुरस्कार के अतिरिक्त 40 से भी अधिक सांत्वना पुरस्कार भी थे। साथ ही सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। ग्रुप ए के प्रथम विजेता रहे डॉ विरेंद्र स्वरूप पब्लिक स्कूल के शिखर मिश्रा, द्वितीय स्थान पर बीएन.एस.डी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज की अक्षिता सिंह एवं तृतीय स्थान पर रहे जी.डी. गोयंका पब्लिक स्कूल के गिरधारी अग्रवाल। ग्रुप बी के प्रथम विजेता रहे बीएन.एस.डी शिक्षा निकेतन इंटर कॉलेज के अमित कुमार ,द्वितीय स्थान पर डीपीएस कल्याणपुर के सक्षम शुक्ला एवं तृतीय स्थान पर शिवाजी इंटर कॉलेज की गार्गी सिंह रहीं।
दोनों ग्रुप के उक्त विजेताओं में प्रथम पुरस्कार बाइसिकल, द्वितीय पुरस्कार के रूप में लैपटॉप बैग एवं तृतीय विजेता को वॉटर बॉटल प्रदान की गई। पुरस्कार वितरण से पूर्व छात्रों ने हरे कृष्ण महामंत्र के आध्यात्मिक कीर्तन में प्रसन्नता पूर्वक भाग लिया। उनके साथ आए हुए शिक्षकों एवं अभिभावकों ने सुमधुर कीर्तन का आनंद लिया। संपूर्ण कार्यक्रम श्रीमान अभिनव कृष्ण प्रभु जी के द्वारा संचालित किया गया। इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमान श्याम रसिक प्रभु जी ने छात्रों के जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर उपस्थित प्रतिभागियों को प्रेरणा प्रदान की। साथ ही उन्होंने भारतीय वैदिक विरासत के प्रचार व प्रसार में इस्कॉन व श्रील प्रभुपाद की महत्वपूर्ण भूमिका के विषय मे प्रकाश डाला। सभी विद्यार्थी उनके प्रेरणादाई वक्तव्य से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव हेतु श्रीमद् की शिक्षाओं को अपनाने के लिए प्रेरित हुए। निश्चित ही ऐसे कार्यक्रमों द्वारा भारतीय युवा को पुनः अपनी आध्यात्मिक चेतना के प्रति उत्साहित बनाया जा सकता है।