भेड़िये को पकड़ने के लिए लगायी गयी कई टीमें, आखिर कब तक छिपेगा आदमखोर

लखनऊ। यूपी के बहराइच में आदमखोर भेड़िये को पकड़ने के लिए प्रभावी कार्रवाई की जा रही है भेड़िया प्रभावित क्षेत्र को वन विभाग ने तीन सेक्टर में बांट दिया है। सभी में 20-20 टीमों की तैनाती कर दी गई हैं। महसी तहसील क्षेत्र में औराही को सेक्टर-1, पूरे दिलदार सिंह को सेक्टर-2 व बंशपुरवा को सेक्टर-3 में बांटा गया है। इन क्षेत्रों में जागरूकता के लिए भी तीन टीमें तैनात की गई हैं।

भेड़िये को पकड़ने वाली इस अभियान की समीक्षा के लिए बुधवार को जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद, वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना व अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बहराइच का दौरा किया। सभी ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर हमलों की रोकथाम व भेड़ियों को पकड़ने की रणनीति बनाई।

बैठक में मौजूद वन, राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य व ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से मंत्रियों ने कहा कि सभी आपस में बेहतर तालमेल रखें और युद्ध स्तर पर कार्रवाई करें। सभी विभाग अपने-अपने एक नोडल अधिकारी नामित करें। सर्च ऑपरेशन में लगाई गई टीमों का विवरण जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं।

विद्युत विभाग को लगातार बिजली आपूर्ति के आदेश 

मंत्रियों ने विद्युत विभाग को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, वहीं मेडिकल कॉलेज व अन्य अस्पतालों की इमरजेंसी व एंबुलेंस को भी सक्रिय रखने का निर्देश दिया। मंत्रियों ने लोगों को बाहर सोने से रोकने के लिए जागरूक करने की भी बात भी कही है।

योगी का आदेश भेड़िये को हर हाल में पकड़ा जाए-

प्रभारी मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रकरण को लेकर संवेदनशील हैं। हिंसक जीवों को पकड़ने में संसाधन व धन की कमी आंड़े नहीं आएगी। सर्च ऑपरेशन के लिए जिम्मेदार सभी विभाग मिलकर शीघ्र भेड़ियों को पकड़ें।

पूरे दिन ड्रोन से होती रही निगरानी

भेड़ियों की तलाश में बुधवार को पूरे दिन कांबिंग व ड्रोन से खेतों की सघन निगरानी की जा रही है । सिसैया चूड़ामणि, कोलैला, औराही गांवों में वनकर्मी हाथों में लाठी-डंडा, जाल लेकर घूमते नजर आए। ड्रोन टीम भी खेतों में निगरानी करती रही। इस दौरान सफलता नहीं मिली।

जनप्रतिनिधियों के सुझाव पर पर करें अमल-

अपर मुख्य सचिव वन मनोज सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान जनप्रतिनिधियों के सुझावों को महत्व दें। वे भौगोलिक परिस्थितियों से परिचित होते हैं। अभियान से जुड़े विभागों व सर्च टीमों में किसी भी स्तर पर संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। संवेदनशील व चिह्नित स्थानों विशेष सावधानी बरती जाए।

ग्रामीणों की सूचना पर तत्काल कार्यवाही करें। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी।

घायलों का पूछा हालचाल-

प्रभारी मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने जनप्रतिनिधियों के

साथ मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने भेड़िये के हमले में घायलों का हाल जाना। चिकित्सा कर्मियों को बेहतर इलाज के लिए निर्देशित किया।जा

गने से पड़ रहे लोग बीमार– सिसेया चूड़ामणि के हजारी आर्य का कहना है कि छोटे-छोटे बच्चों को भेड़िया निशाना बना रहा है। रात में जागने से तबीयत खराब हो रही है। खेत कोई नहीं जा पा रहा है।

जहाँ की तहाँ रुक गई ज़िंदगी- खेती करने वाले खत्म नहीं जा ओर रहे स्कूल जाने वले बच्चे स्कूल नहीं जा पर रहे हैं, मजदूर काम पर नहीं जा रहे हैं।

नहीं देखा ऐसा मंजर कभी- लोगों का कहना है कि ऐसा मंजर कभी नहीं देखा, जब घर से निकलते हैं तो भय बना रहता है कि कि कहीं चलती फिरती मौत सामने न आ जाए। ऐसे में प्रशासन अपनी एड़ी से छोटी तक की ताकत झोंक रहा है लेकिन भेड़ियों के आतंक पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। अब देखने वाली बात ये है को आखिर कब तक भेड़िये जल से बचते रहेंगे।

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